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बीते सप्ताह सेंसेक्स, निफ्टी में गिरावट; रियल्टी 13 फीसदी लुढ़का

देश के शेयर बाजारों में गत सप्ताह गिरावट का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 3.56 फीसदी और निफ्टी 3.77 फीसदी लुढ़का, जबकि बम्बई स्टॉक एक्सचेंज के रियल्टी सूचकांक में 13.04 फीसदी की गिरावट रही।
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NDTV Profit हिंदी11:27 PM IST, 23 Mar 2013NDTV Profit हिंदी
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देश के शेयर बाजारों में गत सप्ताह गिरावट का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 3.56 फीसदी और निफ्टी 3.77 फीसदी लुढ़का, जबकि बम्बई स्टॉक एक्सचेंज के रियल्टी सूचकांक में 13.04 फीसदी की गिरावट रही।

बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत सप्ताह 3.56 फीसदी या 691.96 अंकों की गिरावट के साथ 18,735.60 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी इस अवधि में 3.77 फीसदी या 221.25 अंकों की गिरावट के साथ 5,651.35 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से सिर्फ दो शेयरों आईटीसी (1.03 फीसदी) और हिंदुस्तान यूनिलीवर (0.25 फीसदी) में तेजी रही। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भेल (9.11 फीसदी), टाटा स्टील (9.10 फीसदी), एसबीआई (7.86 फीसदी), ओएनजीसी (7.34 फीसदी) और मारुति सुजुकी (7.30 फीसदी)।

गत सप्ताह बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में सेंसेक्स और निफ्टी से भी अधिक गिरावट रही। मिडकैप 4.80 फीसदी या 306.34 अंकों की गिरावट के साथ 6,079.79 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप 6.58 फीसदी या 406.60 अंकों की गिरावट के साथ 5,772.93 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह बीएसई के सिर्फ एक सेक्टर तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.07 फीसदी) में तेजी रही। गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (13.04 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (7.58 फीसदी), बिजली (7.32 फीसदी), धातु (6.87 फीसदी) और पूंजीगत वस्तु (6.79 फीसदी)।

गत सप्ताह के प्रमुख घटनाक्रमों में सप्ताह की शुरुआत में निजी क्षेत्र के तीन प्रमुख बैंक नकारात्मक चर्चा के राडार में रहे। इससे पिछले सप्ताह गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासे के तहत खोजी पत्रकारिता करने वाली वेबसाइट कोबरा पोस्ट ने देश के निजी क्षेत्र के तीन प्रतिष्ठित बैंकों पर धन की हेराफेरी में लिप्त रहने का आरोप लगाया था।

आरोपी बैंकों ने बाद में हालांकि आंतरिक जांच के आदेश दिए थे। वेबसाइट ने एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक पर आरोप लगाए थे।

इस मामले में एचडीएफसी बैंक ने स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की घोषणा की, आईसीआईसीआई बैंक ने 18 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, जबकि निजी क्षेत्र के तीसरे बैंक एक्सिस बैंक ने कहा कि आंतरिक जांच के आदेश दिए गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है।

गत सप्ताह एचडीएफसी बैंक में पांच फीसदी से अधिक, आईसीआईसीआई बैंक में तीन फीसदी से अधिक तथा एक्सिस बैंक में भी तीन फीसदी से अधिक की गिरावट रही। लेकिन बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बैंकिंग सूचकांक भी गत सप्तात पांच फीसदी से अधिक लुढ़का।

साथ ही बीएसई के बैंकिंग सूचकांक के कई और बैंकों में भी छह से 11 फीसदी तक की गिरावट रही।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने सोमवार को कहा कि भारत अफ्रीका के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाकर 2015 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहता है। पिछले साल यह 65 अरब डॉलर था।

शर्मा ने अफ्रीकी देशों के वाणिज्य और उद्योग मंत्रियों की बैठक के बाद कहा, "हम व्यापार लक्ष्य को 2015 तक ऊपर बढ़ाकर 100 अरब डॉलर कर रहे हैं, क्योंकि हमें लगता है कि इसे हासिल किया जा सकता है।"

मंत्रियों ने यहां तक कहा कि यदि दोनों ओर से कोशिश की जाए तो 100 अरब डॉलर का लक्ष्य एक साल पहले 2014 में ही हासिल हो सकता है।

मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने भारती एयरटेल के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल और एस्सार समूह के प्रमोटर रवि रुइया को सम्मन भेजा। यह सम्मन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के आवंटन में कथित अनियमितता से संबद्ध मामले में भेजा गया।

अदालत ने पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष और हचिसन मैक्स टेलीकॉम (अब वोडाफोन इंडिया) के पूर्व अधिकारी असीम घोष को भी सम्मन भेजा।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने कथित अनियमितता के लिए मोबाइल कंपनी भारती एयरटेल, वोडाफोन और स्टर्लिग सेल्युलर के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए 11 अप्रैल के लिए सम्मन जारी किया।

पिछले साल 21 दिसंबर को सीबीआई ने राजग शासन काल में सरकार को 846 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के लिए भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोपों के लिए और आपराधिक षड्यंत्र के लिए 57 पृष्ठों के आरोप पत्र में श्यामल घोष और तीन दूरसंचार कम्पनियों को आरोपी के रूप में नामजद किया था।

सीबीआई ने अदालत में कहा कि 17 जुलाई 2002 को भारती सेल्युलर (अब भारती एयरटेल) और स्टर्लिग सेल्युलर (अब वोडाफोन मोबाइल सर्विस) को दिल्ली महानगर क्षेत्र के लिए और हचिसन मैक्स (अब वोडाफोन इंडिया) को मुंबई महानगर क्षेत्र के लिए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटित किए गए थे।

उस वक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रमोद महाजन दूरसंचार मंत्री थे, जो दिवंगत हो चुके हैं।

श्यामल घोष के बारे में सीबीआई ने आरोप में कहा है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग किया, मंत्री प्रमोद महाजन के साथ आपराधिक षडयंत्र रचा और सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया।

मंगलवार को ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में रेपो दर और रिवर्स रेपो दर में सिर्फ 25 आधार अंकों की कटौती की और कहा कि इससे अधिक की गुंजाइश नहीं है। बैंक ने नकद आरक्षी अनुपात में कोई परिवर्तन नहीं किया।

रेपो दर, जिस पर वाणिज्यिक बैंक सीमित अवधि के लिए रिजर्व बैंक से ऋण लेते हैं, 7.75 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दी गई। इसके कारण रिवर्स रेपो दर, जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों से सीमित अवधि के लिए उधारी लेता है, 6.75 प्रतिशत से घटकर स्वत: 6.5 प्रतिशत हो गई।

रिजर्व बैंक ने हालांकि नकद आरक्षी अनुपात, जो वाणिज्यिक बैंक अपनी नकद जमा के एक हिस्से के रूप में रिजर्व बैंक के पास नकदी के रूप में रखते हैं, में कोई परिवर्तन नहीं किया है। यह अब भी चार प्रतिशत है।

कारोबारी जगत ने दरों में इस कटौती पर अधिक उत्साह नहीं दिखाया। एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) ने कहा कि और अधिक कटौती की सीमित गुंजाइश बताए जाने के कारण निवेशकों को निराशा हुई है।

एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार एन. धूत ने कहा, "एक तरीके से आरबीआई हमें यह कह रहा है कि हमें उच्च ब्याज दर के साथ जीना सीख लेना चाहिए, भले ही आरबीआई के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने खुद आर्थिक सुस्ती पर चिंता जताई है।"

मंगलवार को ही भारत-अफ्रीका परियोजना साझेदारी सम्मेलन समाप्त हो गया। इसमें कुल लगभग 70 अरब डॉलर की 500 से अधिक परियोजनाओं पर चर्चा हुई।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित इस नौवें सम्मेलन में 45 देशों से 900 से प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जो अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी रही।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि कृषि, आधारभूत संरचना, खनन और तेल तथा गैस जैसे विभिन्न क्षेत्रों से 500 से अधिक परियोजनाओं पर विचार विमर्श हुआ, जो लगभग 70 अरब डॉलर मूल्य के थे।

बुधवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंध (संप्रग) के एक महत्वपूर्ण घटक डीएमके के गठबंधन से बाहर होने की घोषणा के बाद उपजी राजनीतिक अनिश्चितता के बीच भारतीय शेयर बाजारों में तीव्र गिरावट देखी गई।

सेंसेक्स बुधवार को घोषणा के बाद दोपहर करीब तीन बजे पिछले दिन के बंद स्तर से 135.72 अंकों या 0.71 फीसदी गिरावट के साथ 18,872.38 पर कारोबार करता देखा गया।

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