स्पेक्ट्रम की बड़ी नीलामी और रिलायंस जियो के भारतीय दूरसंचार बाजार में उतरने से पैदा हुई कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच वोडाफोन ने अपनी भारतीय इकाई में पूंजी आधार को मजबूत बनाने के लिए अप्रैल के बाद से 47,700 करोड़ रुपये डाले हैं.
वोडाफोन इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी सुनील सूद ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'हम अब तक का सबसे बड़ा एफडीआई लाए हैं... देश में 47,700 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश किया गया है और इससे वोडाफोन इंडिया के कारोबार को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.'
मूल कंपनी ने वोडाफोन इंडिया में यह निवेश इस साल अप्रैल से किया है. इस पैसे का इस्तेमाल कर्ज चुकाने, अगले हफ्ते शुरू होने वाली स्पेक्ट्रम नीलामी में बोली लगाने, नेटवर्क के विस्तार तथा अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी में निवेश में किया जाएगा. वोडाफोन इंडिया आईपीओ की तैयारी कर रही है. उसका कर्ज 29,000 करोड़ रुपये है, जो कि इसके पूंजी आधार का आधा है.
गौरतलब है कि रिलायंस जियो ने 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ 5 सितंबर को अपनी 4जी सेवाओं की शुरुआत कर देश के दूरसंचार उद्योग में हलचल मचा दी है. कंपनी ने नि:शुल्क वॉयस कॉल के साथ-साथ सस्ते डेटा प्लान की घोषणा की है.
सूद ने यह खुलासा तो नहीं किया कि कंपनी इस कड़ी प्रतिस्पर्धा का मुकाबला कैसे करेगी, लेकिन कहा कि वह अगले सप्ताह से अनेक कदमों की घोषणा करेगी. जियो के बारे में पूछे जाने पर सूद ने कहा, 'हमारा मानना है कि हम यहां लंबे समय के लिए हैं. कंपनी के रूप में हम यहां लंबे समय से हैं. हमारे 20 करोड़ उपयोक्ता हैं और पहली तिमाही में हमारी बाजार भागीदारी 0.6 प्रतिशत बढी.' उन्होंने कहा कि वोडाफोन इंडिया ग्राहकों के लिए 'वहनीय कीमत' सहित जो भी जरूरत होगी, कदम उठाएगी.