रेल यात्रियों के लिए टिकट लेना और कनफर्न टिकट मिल जाना तो ठीक है, लेकिन कई बार होता है कि उम्मीद पर टिकट वेटिंग में ले लिया जाता है. यह पता नहीं होता है कि टिकट कनफर्म होगा या नहीं. उसके कनफर्म होने का कितना चांस है. हर आदमी अपने अनुभव से यह तय कर लेता है कि टिकट कनफर्म होने के क्या आसार है. कई बार तो कुछ ट्रेनों में स्थिति यह होती है कि वेटिंग लिस्ट 1-2 होने के बाद भी टिकट यात्रा के दिन तक कनफर्म नहीं होता है. कारण जो भी है, यात्री यात्रा के 4 घंटे पहले तक असमंजस में होता है, कि टिकट कनफर्म होगा या नहीं. चार्ट तैयार होने का इंतजार होता है और उसके बाद ही वह कोई निर्णय ले पाता है. रेलवे ने इसी असमंजस को दूर करने का प्लान तैयार किया और इसे लागू किया.
ट्रेन का टिकट बुक (Rail Reservation) करने वाले यात्रियों को हर बार कन्फर्म टिकट नहीं मिल पाता, लेकिन आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट पर एक अनुमान जताने वाली सेवा शुरू की गई है. इससे यात्रियों को पता चल सकता है कि उनकी प्रतीक्षा सूची में लिए गए टिकट के कन्फर्म होने की कितनी संभावना रहेगी.
आईआरसीटीसी (Indian rail) की नई वेबसाइट लाइव हो गई है. इससे यात्रियों को अपनी प्रतीक्षा सूची के टिकट के कन्फर्म होने की संभावना की जानकारी मिल रही है. यह सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स (सीआरआईएस CRIS) द्वारा विकसित नए एल्गोरिद्म पर आधारित है. सेवा के आरंभ होने के पहले रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था, 'प्रतीक्षा सूची के बारे में अनुमान जताने वाले नए फीचर के अनुसार बुकिंग ट्रेंड के आधार पर कोई इस बात का अनुमान लगा सकता है कि प्रतीक्षा सूची वाले या आरएसी टिकट के कन्फर्म होने की कितनी संभावना है. हम पहली बार अपने पैसेंजर ऑपरेशन और बुकिंग पैटर्न का डेटा माइन करेंगे.'
बता दें कि पुराने आंकड़ों के संग्रह का विश्लेषण करके नई सूचना जुटाने की प्रक्रिया को डेटा माइनिंग कहा जाता है. अधिकारियों ने बताया कि यह विचार रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिया था.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने पिछले साल आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर यह सेवा शुरू करने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक साल का वक्त दिया था.