रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने रविवार को कहा कि आने वाले समय में नीतिगत दरों में कटौती मुख्य रूप से महंगाई दर की स्थिति और आंशिक रूप से वैश्विक कारकों, विशेषकर फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में वृद्धि दर भी निर्भर करेगी।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने यह भी कहा कि आरबीआई सावधानीपूर्वक बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का कीमत स्थिति पर पड़ने वाले प्रभाव पर सावधानीपूर्वक नजर रखेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में राजन ने कहा कि जहां तक भविष्य में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का सवाल है, यह मुख्य रूप से घरेलू कीमतों की स्थिति तथा आंशिक रूप से वैश्विक कारकों विशेषकर फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में वृद्धि दर निर्भर करेगी।
उन्होंने कहा, वैश्विक माहौल जरूर एक बाधा है, लेकिन हमें आंतरिक माहौल के संदर्भ में काफी कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि फेडरल रिजर्व ब्याज दर बढ़ाने में थोड़ा समय ले सकता है।
हालांकि राजन ने यह भी कहा कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में वृद्धि प्राथमिक कारक नहीं हो सकता। नीतिगत ब्याज दर में कटौती मुद्रास्फीति के प्रतिरूप और यह कैसे आगे बढ़ती है, इस पर निर्भर करेगी।
उन्होंने कहा, इसका मतलब है कि हमें खाद्य प्रबंधन पर अधिक सावधान रहने की जरूरत है और सरकार ने बार-बार कहा है कि उसकी नजर खाद्य कीमतों पर है और खाद्य प्रबंधन में सक्रियता से लगी है। इसमें सतर्कता बरतने की जरूरत है।