खनन और बिजली उत्पादन में सुधार से औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल महीने में वार्षिक आधार पर 3.4 प्रतिशत वृद्धि हुई. यह छह महीने का उच्च स्तर है. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर पिछले साल अप्रैल महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 4.5 प्रतिशत थी. इससे पहले, अक्टूबर 2018 में औद्योगिक वृद्धि दर सर्वाधिक 8.4 प्रतिशत थी. यहां बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार खनन क्षेत्र में वृद्धि आलोच्य महीने में 5.1 प्रतिशत रही जो पिछले वर्ष 2018 के इसी महीने में 3.8 प्रतिशत थी. इसी प्रकार, बिजली क्षेत्र में वृद्धि अप्रैल महीने में 6 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व वर्ष के इसी महीने में 2.1 प्रतिशत थी.
हालांकि विनिर्माण क्षेत्र में नरमी रही. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) आंकड़ो के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि अप्रैल में घटकर 2.8 प्रतिशत रही जो पिछले साल इसी अवधि में 4.9 प्रतिशत थी. पूंजीगत वस्तु खंड में वृद्धि अप्रैल में घट कर 2.5 प्रतिशत रही जो पिछले वर्ष इसी महीने में 9.8 प्रतिशत थी. पूंजीगत वस्तु खंड में वृद्धि निवेश गतिविधियों का आइना माना जाता है. इसी प्रकार बुनियादी ढांचा, निर्माण सामग्री, टिकाऊ उपभोक्ता सामान व गैर-टिकाऊ उपभोक्ता माल बनाने वाले उद्योग वर्गों में वृद्धि आलोच्य महीने में धीमी रही.
हालांकि, प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में इस साल अप्रैल में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 2.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. अप्रैल,19 में विनिर्माण क्षेत्र में 23 औद्योगिक समूह में से 14 में पिछले साल इसी महीने के मुकाबले वृद्धि दर्ज की गयी. परिधान बनाने वाले उद्योग में सर्वाधिक 33.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. फर्नीचर छोड़ कर लकड़ी और लकड़ी उत्पाद उद्योग ने 22.6 प्रतिशत की वृद्धि दिखायी. दूसरी तरफ कागज और कागज उत्पाद उद्योग में 12.3 प्रतिशत और फेब्रिकेशन से तैयार धातु के सामान बनाने वाले उद्योगों में 9.6 प्रतिशत की गिरावट आयी. (इनपुट भाषा से)