एक तरफ जहां दुनिया की दिग्गज अर्थव्यवस्थाएं एक के बाद एक ढह रही हैं और उनका रसूख कमजोर होता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ भारतीय अर्थव्यवस्था का सितारा बुलंदी की तरफ बढ़ता जा रहा है. कुछ इसी तरह का आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की इस सप्ताह पेश ताजा रिपोर्ट में पेश किया गया है. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के नॉमिनल टर्म्स के आधार पर पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अगले पांच वर्षों में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और इस स्थान पर काबिज जर्मनी खिसककर पांचवें पायदान पर पहुंच जाएगा. सिर्फ इतना ही नहीं पांचवें पायदान पर काबिज ब्रिटेन दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की फेहरिस्त से बाहर हो जाएगा. यानी यह छठे स्थान पर खिसक जाएगा.
ब्रिटेन के टॉप-5 क्लब से बाहर जाने का सबसे बड़ा कारण ब्रेक्जिट को माना जा रहा है. यूरोपीय संघ से इसके अलग होने के बाद व्यापारिक साझीदारी में इसकी कमजोर उपस्थिति को इसकी फिसलन का सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है.
इसकी तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि इस देश की अर्थव्यवस्था सालाना 9.9 प्रतिशत की गति से बढ़ रही है जबकि इसकी तुलना में ब्रिटेन में यह बढ़ोतरी तकरीबन दो प्रतिशत रहने का ही अनुमान व्यक्त किया गया है.