वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बढ़ते साये के बीच वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने शनिवार को कहा कि यह स्थिति भारत को उसके चमकते आकर्षक स्थान के दर्जे को और मजबूत करने का मौका देती है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक में अग्रवाल ने कहा कि दावोस में इस साल का विषय मुख्य तौर पर मानवजाति के रूपांतरण में प्रौद्योगिकी की भूमिका और वर्तमान में चल रही चौथी औद्योगिक क्रांति के इर्द-गिर्द रहा है और भारत इस क्रांति की भी अगुवाई करने को तैयार है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को वैश्विक नवप्रवर्तन केंद्र के रूप में बनाना चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने पिछले वर्ष 'डिजिटल इंडिया' अभियान शुरू किया... यह भारत सरकार एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका मकसद भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज एवं ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है। यहां डब्ल्यूईएफ में वित्त मंत्री अरुण जेटली के उस बयान का जिक्र करते हुए कि किसी भी अर्थव्यवस्था को वृद्धि के कई इंजन की जरूरत है, अग्रवाल ने कहा कि यह अब साफ हो गया है कि सेवा क्षेत्र अकेले भारत को आगे नहीं ले जा सकता।
उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने की ताकत देने के लिए विनिर्माण, कृषि तथा खनन सभी महत्वपूर्ण हैं। चीन के बारे में उन्होंने कहा कि चीन में आर्थिक वृद्धि की धीमी पड़ती गति को लेकर बढ़ती चिंता के साथ वहां की आर्थिक अनिश्चितता पर लगभग हर बातचीत में चर्चा हुई।
अनिल अग्रवाल ने कहा, चीन निवेशकों के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गया है और मुद्रा की चाल, बाजार नियमन तथा वित्तीय कार्यकारियों के खिलाफ आपराधिक जांच को लेकर विश्वास डगमगाया है।
उन्होंने कहा, दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में चीन को मजबूत बने रहने और अपने वित्तीय बाजार खोलने की जरूरत है। भारत के बारे में अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता को देखते हुए भारत का 2016 में दुनिया की तेजी से वृद्धि करने वाला देश बनना तय है। विश्व बैंक की नई रिपोर्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत निश्चित रूप से दुनिया के वृद्धि इंजन के रूप में स्वयं को मजबूत कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन में नरमी से भारत को एक स्पष्ट अवसर मिला है।