देश में टैक्स व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक नई स्कीम शुरू की है. 'नेशनल ई-असेसमेंट स्कीम' नाम की इस नई पहल के ज़रिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स असेसमेंट की प्रक्रिया से किसी भी तरह के 'मैन्युअल इंटरफ़ेस' को हटा दिया है. पहले फेज में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 58,322 मामलों को चुना है जिनकी जांच फेसलेस ई-असेसमेंट स्कीम के तहत की जाएगी. इस सभी 58322 मामले 2018 -19 असेसमेंट ईयर के हैं और इन सभी मामलों में 30 सितम्बर से पहले ही ई-नोटिस जारी किए जा चुके हैं.
इन सभी मामलों में करदाता को नहीं पता होगा कि उसके मामले का असेसमेंट कौन अधिकारी कर रहा है, और न ही उस अधिकारी के पास कोई जानकारी होगी कि वह किस व्यक्ति या संस्था का कक्ष असेसमेंट कर रहा है.
इस नई स्कीम को लांच करते हुए राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि नई व्यवस्था बहाल होने से टैक्स असेसमेंट की प्रक्रिया में आधारभूत बदलाव आएगा, पूरी व्यवस्था की कार्यक्षमता बढ़ेगी और उसे अधिक पारदर्शी व जवाबदेह बनाना संभव हो सकेगा.
इनकम टैक्स विभाग को उम्मीद है कि नई स्कीम की मदद से टैक्स असेसमेंट से जुड़े मामलों का निवारण जल्दी संभव हो सकेगा, और करदाताओं के लिए नियम कायदों को मानना भी आसान होगा.
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