अमेरिका के प्रमुख उद्योगपतियों ने भारत में आर्थिक सुधार तेज करने के लिए ‘और कदम उठाने’ की मांग की जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें निर्णय प्रक्रिया तेज करने का भरोसा दिया। इसके साथ ही मोदी ने उद्योगपतियों से भारत उपलब्ध व्यापक अवसरों का लाभ उठाने को कहा।
प्रमुख अमेरिकी कंपनियों के 42 मुख्य कार्यकारियों ने प्रधानमंत्री से कहा कि ‘‘जो आप कर रहे हैं वह और कृपया और करते रहें। हो सके तो थोड़ा और तेज करें।’’ इन कंपनियों का कुल अनुमानित मूल्य 4,500 अरब डॉलर है।
विकास स्वरूप का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा ‘‘कुल मिलाकर माहौल काफी आशावादी दिखा। इस बारे में आम सहमति दिखी कि प्रधानमंत्री भारत में बदलाव ला रहे हैं। सभी मुख्य कार्यकारियों ने एक ही चीज कही कि कृपया बदलाव में और तेजी लायें।’’
अमेरिकी उद्योगपतियों के साथ गोलमेज बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने बैठक में मौजूद हर उद्योगपति की चिंता और उनकी भारत संबंधी योजना और इन मुद्दों के समाधान पर उनकी राय सुनी।
विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए पीएम मोदी ने किया आमंत्रित
अमेरिकी कंपनियों को भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए आमंत्रित करते हुए मोदी ने उन्हें कहा ‘‘प्रशासन में सुधार मेरी पहली प्राथमिकता है। हम सरलीकृत, तेज निर्णय प्रक्रिया, पारदर्शिता और जवाबदेही के पक्ष में हैं।’’
उन्होंने ऐसे क्षेत्रों की जानकारी दी जिन्हें भारत में निवेश के लिए खोला गया है और कहा ‘‘विश्वभर में एफडीआई घटा है लेकिन भारत में 40 प्रतिशत बढ़ा है।’’ मोदी ने विनिर्माण एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के मुख्य कार्यकारियों से बातचीत के दौरान कहा ‘‘इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में भरोसा जाहिर होता है।’’
अमेरिकी प्रमुख उद्योगपतियों की इस बैठक में हिस्सा लेने वाले मुख्य कार्यकारियों में लॉकहीड मार्टिन चेयरपर्सन एवं मुख्य कार्यकारी मैरिलीन ह्यूसन, फोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी मार्क फील्ड्स, आईबीएम के चेयरमैन जिनी रोमेटी, पेप्सीको की प्रमुख इंदिरा नूयी और डाओ केमिकल के चेयरमैन एंड्रयू लिवेरिस शामिल थे।
अमेरिका में भारत के राजदूत अरण के सिंह का बयान
प्रधानमंत्री की उद्योगपतियों के साथ दिनभर हुई बातचीत के बारे में अमेरिका में भारत के राजदूत अरण के सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि कारोबार सुगमता के संबंध में उठाई जा सकने वाली अतिरिक्त पहलों के बारे में भी कुछ सुझाव आए।
उन्होंने कहा ‘‘ये ऐसी चीजें हैं जिनका सरकार आकलन करेगी।’’ मोदी ने मुख्य कार्यकारियों से कहा कि मूल रूप से उनका भरोसा नियंत्रणों को खत्म करने में है। सरकार को निजी क्षेत्र को विकसित होने का मौका देना चाहिए और प्रधानमंत्री विश्वसनीय, पारदर्शी और जिम्मेदार संचालन के पक्ष में हैं।
वैश्विक संदर्भ में भारत के लिये यह काफी बेहतर समय
प्रधानमंत्री की उद्योगपतियों के साथ दिन भर हुई बातचीत का सार-संक्षेप पेश करते हुए सिंह ने कहा कि इस दौरान यह देखा गया कि बहुतों को ऐसा लगा कि वैश्विक संदर्भ में भारत के लिये यह काफी बेहतर समय था।
मोदी ने बैठक के दौरान नियमन हटाने, आर्थिक सुधार और कर प्रशासन में अनुरूपता के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए साहसिक कदमों के संक्षिप्त ब्योरे वाला एक पन्ने का तथ्य पत्र भी बैठक में पेश किया।
स्वरूप ने कहा ‘‘यह पत्र ठोस तथ्यों पर आधारित था। इस पर आधारित था कि सरकार ने वास्तव में क्या किया और कारोबार सुगमता के लिए क्या किया है, . हमें उम्मीद है कि जब अगली रपट आएगी तो भारत कई स्थान उपर होगा।’’ उन्होंने कहा कि इस तथ्य पत्र में सरकार की एफडीआई बढ़ाने और दिवालियापन संबंधी कानून बनाने की दिशा में की गई कोशिशों का भी ब्योरा था।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्य कार्यकारियों ने प्रधानमंत्री की विकास की अवधारणा और पिछले 15 साल में हुई प्रगति की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने विश्वसनीय, पारदर्शिता और जवाबदेह संचालन के प्रति प्रतिबद्धता जताई
इसमें कहा गया ‘‘प्रधानमंत्री ने विश्वसनीय, पारदर्शिता और जवाबदेह संचालन के प्रति प्रतिबद्धता जताई। मुख्य कार्यकारियों ने मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और स्मार्ट सिटीज की पहलों के लिए समर्थन जाहिर किया।’’ सिंह ने कहा कि मुख्य कार्यकारियों को लगा कि पिछले साल भर में काफी प्रगति हुई है लेकिन इसका गलत तरीके से आकलन और प्रचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक रुझान के परिप्रेक्ष्य में भारत निश्चित तौर पर नये अवसर प्रदान करने के दौर में है जिसमें भारत की अपनी विकास संबंधी जरूरतों और प्राथमिकताओं से जुड़े मौके भी शामिल हैं। सिंह ने कहा ‘‘मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्मार्ट सिटी जैसे कार्यक्रमों और नवीकरणीय ऊर्जा पर फोकस के लिए प्रशंसा और समर्थन का माहौल था। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की जरूरत पर भी कुछ जोर दिया गया और स्मार्ट सिटी की अवधारणा को जिस तरह आगे बढ़ाया गया उसके लिए प्रशंसा का माहौल था।’’
स्वरूप ने कहा कापरेरेट सीईओ का मानना है कि परिवर्तन दिख रहा है। यह उनमें भारत को लेकर बने उत्साह में भी परिलक्षित हो रहा था।