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आईएमएफ ने भारत की विकास दर का अनुमान घटाया, रूस-यूक्रेन युद्ध से बढ़ी चिंता

IMF ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक रिपोर्ट (World Economic Report) जारी की है, जिसमें वैश्विक स्तर पर अनुमान जारी किए हैं. भारत की विकास दर की  संभावनाओं पर आईएमएफ ने कहा है कि कच्चे तेल के ऊंचे दामों से निजी उपभोग और निवेश पर काफी असर पड़ेगा.
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NDTV Profit हिंदी09:14 PM IST, 19 Apr 2022NDTV Profit हिंदी
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया है. आईएमएफ ने इसे 9 से घटाकर 8.2 फीसदी कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठन ने कहा है कि रूस और यूक्रेन का युद्ध लंबे समय में दुनिया भर में उपभोग पर असर डालेगा और महंगाई बढ़ने का भी वैश्विक प्रभाव देखने को मिलेगा. संगठन ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक रिपोर्ट (World Economic Report) जारी की है, जिसमें वैश्विक स्तर पर अनुमान जारी किए हैं. भारत की विकास दर की  संभावनाओं पर आईएमएफ ने कहा है कि कच्चे तेल के ऊंचे दामों से निजी उपभोग और निवेश पर काफी असर पड़ेगा. भारत के विकास के पूर्वानुमानों को घटाने के साथ आईएमएफ ने कहा कि 2022-22 में चालू खाते का घाटा 3.1 फीसदी रहने का अनुमान है, जो 2021-22 में 1.5 फीसदी रहा था.  अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ रेट को भी 7.1 से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया गया है. 

हालांकि 8.2 फीसदी के अनुमान के साथ भारत दुनिया की तीव्र वृद्धि वाली बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश होगा. भारत की वृद्धि दर चीन की 4.4 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में लगभग दोगुनी होगी. आईएमएफ ने यहां जारी सालाना विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक वृद्धि दर चालू वर्ष में 3.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह 2021 के 6.1 प्रतिशत से काफी कम है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2021 में 8.9 प्रतिशत थी. जबकि 2023 में इसके 6.9 प्रतिशत रहने की संभावना है.वर्ष 2023 की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान में कमी का एक प्रमुख कारण यूक्रेन युद्ध है. इसके कारण ईंधन और खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े हैं और वृद्धि की गति नरम पड़ी है.

जापान समेत एशिया के लिये 2023 की आर्थिक वृद्धि अनुमान को 0.9 प्रतिशत जबकि भारत के मामले में 0.8 प्रतिशत कम किया गया है. यह कमजोर घरेलू मांग को बताता है क्योंकि तेल के ऊंचे दाम से निजी खपत और निवेश पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है. मुद्राकोष ने अपनी रिपार्ट में वैश्विक वृद्धि दर 2022 और 2023 में 3.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. यह जनवरी में जताये गये अनुमान से क्रमश: 0.8 प्रतिशत और 0.2 प्रतिशत कम है. वृद्धि दर अनुमान में कमी युद्ध का रूस और यूक्रेन के साथ दुनिया के अन्य देशों पर पड़ने वाले प्रभाव को बताता है.

रिपोर्ट में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2022 में 4.4 प्रतिशत और 2023 में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. चीन की वृद्धि दर 2021 में 8.1 प्रतिशत रही. अमेरिका की वृद्धि दर 2022 में 3.7 प्रतिशत और 2023 में 2.3 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी है. वर्ष 2021 में अमेरिकी की आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत थी.

रिपोर्ट के अनुसार, रूस और यूक्रेन दोनों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2022 में बड़ी गिरावट की आशंका है. सबसे बड़ी गिरावट यूक्रेन में होगी. इसका कारण यूक्रेन पर हमला और बुनियादी ढांचा को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचना और लोगों का सुरक्षित स्थानों की ओर जाना है.

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