
आयकर रिटर्न फाइल करने का समय है.
खास बातें
- केंद्रीय मंत्री ने संसद में दिया था बयान
- 12वीं के बाद शिक्षा के लिए लिये गए लोन पर छूट
- आयकर की धारा 80ई के तहत मिलती है छूट.
आयकर भरने का समय चल रहा है. 31 जुलाई तक अंतिम तारीख है. कुछ लोग खुद ही ऑनलाइन आईटीआर फाइल करते हैं तो कुछ लोग किसी की मदद से. लेकिन जरूरी होता है, आईटीआर के नियमों की कुछ जानकारी. यदि खुद ही आईटीआर रिटर्न फाइल कर रहे हैं, तब यह आवश्यक हो जाता है कि टैक्स पर मिलने वाले छूट से जुड़े नियमों का जानकारी हो. ऐसा ही एक नियम है टैक्स में छूट देता है अगर किसी ने उच्च शिक्षा के लिए लोन लिया है.
अगर किसी व्यक्ति ने बैंक, वित्तीय संस्था या अनुमोदित धर्मार्थ संस्था से अपने या अपने करीबी रिश्तेदार की उच्च शिक्षा के लिए ऋण ले रखा है तो इस पर ब्याज के रूप में दी गई राशि उस व्यक्ति की कर योग्य राशि में से घटा दी जाएगी.
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इस बारे में वित्त राज्य मंत्री एस एस पलानीमाणिक्कम ने पिछले साल राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया था कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80-ई में इस आशय का स्पष्ट प्रावधान है. उन्होंने बताया था कि पहले इन प्रावधानों के अन्तर्गत केवल इंजीनियरिंग, मेडिसिन व मैनेजमेंट में किसी स्नातक या परास्नातक पाठ्यक्रम और एप्लायड साइंस या गणित व सांख्यिकी जैसे विशुद्ध विज्ञान में परा-स्नातक पाठ्यक्रम में पूर्णकालिक पढ़ाई के लिए कर-कटौती दी जाती थी. लेकिन अब यह सुविधा बारहवीं के बाद किए जानेवाले डिप्लोमा कोर्सों तक पर भी दी जाने लगी है.
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उन्होंने आगे कहा था कि इस कर रियायत का दावा किसी व्यक्ति द्वारा उच्त शिक्षा के लिए ऋण पर ब्याज चुकाने पर खर्च की गई राशि के आधार पर किया जा सकता है. इसके लिए सरकार ने कोई अलग से फंड नहीं रखा है. इससे सरकार को राजस्व के रूप जो रकम गंवानी पड़ती है, उसका बस उल्लेख कर दिया जाता है. जैसे, प्राप्ति बजट 2012-13 के अनुसार, धारा 80-ई के तहत कटौती के कारण वर्ष 2010-11 के दौरान सरकार को 138 करोड़ रुपये के राजस्व से हाथ धोना पड़ा है.
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बता दें कि आयकर अधिनियम की धारा 80-ई के तहत व्यक्तिगत करदाता एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज की राशि की आय में से छूट प्राप्त कर सकते हैं. यह छूट करदाता की कर योग्य आय से ही प्राप्त की जा सकती है अर्थात यदि करदाता की आयकर योग्य नहीं है तो इस छूट का लाभ नहीं लिया जा सकता है.
इन्हें मिलेगी छूट : केवल व्यक्तिगत करदाता ही एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं अर्थात एचयूएफ या अन्य श्रेणी के करदाता इस छूट का लाभ नहीं ले सकते हैं.
किसके लिए लिया गया लोन छूट योग्य : करदाता अपने लिए, जीवनसाथी या अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए लोन लेता है तब आयकर अधिनियम की धारा 80-ई के अंतर्गत टैक्स में छूट मिलती है. टैक्स छूट का लाभ उसी व्यक्ति को मिलता है, जिसने लोन लिया है.
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जानकारी के लिए बता दें कि धारा 80-ई के तहत कर निर्धारण वर्ष 2010-11 से शिक्षा का दायरा बढ़ाकर उन सभी एजुकेशन को शामिल कर लिया गया है, जो सीनियर सेकंडरी या समकक्ष के बाद किसी स्कूल, बोर्ड या विश्वविद्यालय, जो केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है, से ग्रहण की जाए. इस संबंध में केंद्रीय मंत्री ने सदन में बयान भी दिया था.
छूट के लिए लोन कहां से लिया जा सकता है : आयकर नियम की धारा 80-ई के तहत कर में छूट प्राप्त करने के लिए किसी बैंक, वित्तीय संस्थान या किसी चैरिटेबल इंस्टीट्यूट, जो कि धारा 10 (23-सी) या धारा 80-जी (2) (ए) के तहत अधिकृत हो, से ही लिया जाना जरूरी है.
संपूर्ण ब्याज पर छूट : शिक्षा के लिए लिए गए लोन पर चुकाए गए संपूर्ण ब्याज की छूट प्राप्त की जा सकती है. खास बात यह है कि इस लोन में मूल धन की अदायगी पर छूट प्राप्त नहीं है.
नियमों के मुताबिक ब्याज चुकाने के लिए एक वर्ष से लेकर 7 वर्ष तक या जब तक ब्याज चुकाया जाए, दोनों में से जो भी पहले समाप्त हो, उस वर्ष तक टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है.