आइडिया सेल्युलर को दूरसंचार विभाग से कंपनी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ाकर 100% तक करने की अनुमति मिल गई है. इससे कंपनी के वोडाफोन के साथ प्रस्तावित विलय को अंतिम नियामकीय अनुमति मिलने का रास्ता साफ हो गया. कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘आइडिया सेल्युलर को दूरसंचार विभाग से कंपनी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सीमा बढ़ाकर 100% किए जाने की अनुमति मिल गई है. कंपनी ने इस संबंध में आवेदन किया था. अभी यह सीमा 67.5% है. ’’
यह अनुमति उसे आइडिया सेल्युलर लिमिटेड में कुल विदेशी निवेश को 100% तक करने और उसकी अनुषंगियों आदित्य बिड़ला टेलीकॉम लिमिटेड और आइडिया सेल्युलर इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेस लिमिटेड में कुल अप्रत्यक्ष एफडीआई के लिए मिली है. आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन के विलय की प्रक्रिया में एफडीआई अनुमति मिलना एक मील का पत्थर है.
इसके अलावा सेबी, एनएसई, बीएसई, प्रतिस्पर्धा आयोग और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की मुंबई और अहमदाबाद शाखा से अनुमतियां मिलने के बाद ये अनुमति मिली है. बयान के अनुसार वोडाफोन और आइडिया का विलय नियामकीय अनुमतियों के अंतिम चरण में है और इसके जून के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. इस पर अंतिम मुहर दूरसंचार विभाग से लगनी है.
नयी इकाई में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45.1%, आदित्य बिड़ला समूह की 26% और आइडिया के शेयरधारकों की 28.9% होगी. नई इकाई को ‘वोडाफोन आइडिया लिमिटेड’ नाम से जाना जायेगा.