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जीएसटी विधेयक संसद के चालू सत्र में पारित होने की उम्मीद : अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली को उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के लिए ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक के अलावा दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता विधेयक संसद के बजट सत्र के 20 अप्रैल से शुरू होने वाले दूसरे भाग में पारित हो जाएगा।
NDTV Profit हिंदीReported by Bhasha
NDTV Profit हिंदी07:08 PM IST, 13 Mar 2016NDTV Profit हिंदी
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वित्त मंत्री अरुण जेटली को उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के लिए ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक के अलावा दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता विधेयक संसद के बजट सत्र के 20 अप्रैल से शुरू होने वाले दूसरे भाग में पारित हो जाएगा।

जीएसटी विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है, लेकिन यह राज्यसभा में अटका हुआ है, जहां सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास बहुमत नहीं है। राज्यसभा में पारित होने के बाद इस विधेयक को 29 में से आधे राज्यों के अनुमोदन की जरूरत होगी। इसके बाद 1 अक्तूबर से जीएसटी लागू किया जा सकता है।

जेटली ने रविवार को यहां एडवांसिंग एशिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'संसद के मौजूदा सत्र में एक ऐतिहासिक विधेयक पारित हो गया है। मुझे उम्मीद है कि अन्य दो विधेयक बजट सत्र के दूसरे हिस्से में पारित हो जाएंगे।'

संसद ने पिछले सप्ताह आधार विधेयक को पारित किया है। इससे सरकारी सब्सिडी और लाभ के स्थानांतरण के लिए विशिष्ट पहचान संख्या को सांविधिक समर्थन मिल गया है। इसके अलावा राज्यसभा में रीयल एस्टेट विधेयक भी पारित हुआ है।

जेटली ने कहा कि जीएसटी और दिवाला विधेयक के पारित होने से हमारी सुधारों की प्रक्रिया को प्रोत्साहन मिलेगा। विशेष रूप से कमजोर वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए यह जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत सुधारों के रास्ते पर आगे बढ़कर दुनिया को उल्लेखनीय वृद्धि प्रदान कर सकता है। जेटली ने कहा कि भारत की अपनी समस्याएं हैं। देश में चुनौतियों से निपटने और सुधारों को आगे बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमारा वृद्धि का मॉडल गरीबी उन्मूलन की चिंता से जुड़ा है।

जीएसटी को कांग्रेस और अन्नाद्रमुक के अलावा राज्यसभा में सभी दलों का समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों की संख्या 67 और अन्नाद्रमुक के सदस्यों की संख्या 12 है। कांग्रेस ने मूल रूप से इस टैक्स सुधार को आगे बढ़ाया था। वह इससे 'खामियों' वाला संस्करण का विरोध कर रही है।

कांग्रेस चाहती है कि जीएसटी दर की सीमा 18 प्रतिशत निश्चित की जाए, प्रस्तावित राज्य शुल्क समाप्त किया जाए और राज्यों के बीच राजस्व भागीदारी के लिए एक स्वतंत्र व्यवस्था हो। राज्यसभा में सरकार के पास 155 सदस्यों का समर्थन है। संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए उसे 162 मतों की जरूरत है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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