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केंद्र सरकार ने आईटी सेक्टर में नौकरियां जाने की रिपोर्ट खारिज की

भारत सरकार ने आईटी सेक्टर में जॉब लॉस की खबरों को खारिज कर दिया है. आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को दावा किया कि पिछले एक साल में आईटी सेक्टर में एक लाख 70,000 नई नौकरियां बनीं. दिल्ली में एक मीडिया ब्रीफिंग में रविशंकर प्रसाद ने कहा, "आईटी सेक्टर में नौकरियां जा रही हैं, ये कहना गलत है. मैं इससे सिरे से इनकार करता हूं."
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NDTV Profit हिंदी11:12 PM IST, 23 May 2017NDTV Profit हिंदी
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भारत सरकार ने आईटी सेक्टर में जॉब लॉस की खबरों को खारिज कर दिया है. आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को दावा किया कि पिछले एक साल में आईटी सेक्टर में एक लाख 70,000 नई नौकरियां बनीं. दिल्ली में एक मीडिया ब्रीफिंग में रविशंकर प्रसाद ने कहा, "आईटी सेक्टर में नौकरियां जा रही हैं, ये कहना गलत है. मैं इससे सिरे से इनकार करता हूं."

दरअसल आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने स्वदेशी जागरण मंच के उस दावे को खारिज कर दिया कि आईटी सेक्टर में बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म हो रही हैं, लोग नौकरियों से निकाले जा रहे हैं और इसके लिए सरकार की आर्थिक नीतियां ज़िम्मेदार हैं.

रविशंकर ने नैसकॉम की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आईटी सेक्टर में पिछले तीन साल में 6 लाख नए रोजगार के अवसर बने. 2016-17 में 1.70 लाख रोजगार के अतिरिक्त मौके पैदा हुए. नैसकॉम के प्रेसिडेंट चंद्रशेखर ने एनडीटीवी से कहा, "यह कहना गलत है कि आईटी सेक्टर में नौकरियां जा रही हैं...हमारी रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी-मार्च 2017 में 50,000 नौकरियां पैदा हुईं...इंडस्ट्री में वर्कफोर्स का रिअलाइनमेंट होता रहता है परफारमेंस और स्किल-सेट के आधार पर. इस साल भी ये रिअलाइनमेंट चल रहा है...ये कई साल से जारी है."

उधर सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन ने आईटी मिनिस्टर के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में दोहराया है कि आईटी सेक्टर में नौकरियां जाने की आशंका बनी हुई है. सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा, हमारी चिंता सिर्फ आईटी सेक्टर तक सीमित नहीं है..कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी सरकार के अपने आंकड़ों के मुताबिक 30,000 नौकरियां घटी हैं."

अर्थव्यवस्था में नौकरी के घटते अवसर पर चल रही इस बहस के बीच केंद्रीय मजदूर संघों की 30 मई को एक अहम बैठक बुलाई गई है. अब ट्रेड यूनियन सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ फिर संघर्ष शुरू करने पर विचार कर रहे हैं.

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