सरकार ने मंगलवार को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 100 रुपये बढ़ाकर 1,625 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. इसके अलावा विभिन्न दालों का एमएसपी 550 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाने का फैसला किया गया है. एमएसपी में बढ़ोतरी का मकसद इनकी रबी फसलों का उत्पादन बढ़ाना और कीमतों पर अंकुश लगाना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में 2016-17 के लिए सभी रबी फसलों के एमएसपी को मंजूरी दी गई. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि सीसीईए ने गेहूं का एमएसपी 2016-17 की रबी फसल के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,625 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दी है. पिछले साल यह 1,525 रुपये क्विंटल था.
प्रवक्ता ने कहा, 'गेहूं का एमएसपी 6.6 प्रतिशत, जौ का 8.2 प्रतिशत (बोनस सहित), चना का 14.3 प्रतिशत, मसूर 16.2 प्रतिशत, रेपसीड-सरसों का बढ़ाया गया है.
इसके अलावा दलहन एवं तिलहन की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए इन फसलों पर एमएसपी के ऊपर बोनस की घोषणा भी की गई है. बोनस सहित चने का एमएसपी बढ़ाकर 4,000 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. पिछले साल यह 3,500 रुपये था. मसूर का समर्थन मूल्य 3,400 रुपये से बढ़ाकर 3,950 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.
कृषि मंत्रालय ने चने और मसूर का समर्थन मूल्य बढ़ाकर बोनस सहित रबी सत्र के लिए 4,000 रुपये प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव किया था. पिछले साल चने और मसूर का एमएसपी क्रमश: 3,500 और 3,400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था. इनमें दोनों पर 75 रुपये का बोनस भी शामिल था. एमएसपी वह दर है जिस भाव पर सरकार किसानों से खाद्यान्न खरीदती है. रबी फसलों का विपणन 2017-18 में अप्रैल से किया जाएगा.
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