भारत की उल्लेखनीय प्रगति का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि पिछले दशक के दौरान भारत ने प्रतिवर्ष अच्छी विकास दर हासिल करते हुए दुनिया में प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में स्थान बनाया है. उन्होंने कहा कि सशक्त राजनीतिक इच्छाशक्ति से हमें एक ऐसे भविष्य का निर्माण करना होगा, जो 60 करोड़ युवाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाए.
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, 'भारत ने हाल ही में उल्लेखनीय प्रगति की है. पिछले दशक के दौरान प्रतिवर्ष अच्छी विकास दर हासिल की गई है. अंतरराष्ट्रीय अभिकरणों ने विश्व की सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के स्तर को पहचाना है. व्यापार और संचालन के सरल कार्य-निष्पादन के सूचकांकों में पर्याप्त सुधार को मान्यता दी है.
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सशक्त राजनीतिक इच्छाशक्ति से हमें एक ऐसे भविष्य का निर्माण करना होगा, जो 60 करोड़ युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाए, एक डिजिटल भारत, एक स्टार्ट-अप भारत और एक कुशल भारत का निर्माण करें.
उन्होंने कहा कि हमारे युवा उद्यमियों के स्टार्ट-अप आंदोलन और नवोन्मेषी भावना ने भी अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकृष्ट किया है. हमें अपनी मजबूत विशेषताओं में वृद्धि करनी होगी, ताकि यह बढ़त कायम रहे और आगे बढ़ती रहे.
राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष के सामान्य मॉनसून ने हमें पिछले दो वर्षों की कम वर्षा के कारण पैदा कृषि संकट के विपरीत खुश होने का कारण दिया है. दो लगातार सूखे वर्षों के बावजूद मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से कम रही और कृषि उत्पादन स्थिर रहा. यह हमारे देश के लचीलेपन का और इस बात का भी साक्ष्य है कि स्वतंत्रता के बाद हमने कितनी प्रगति की है.
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