ADVERTISEMENT

तीन महीने तक नहीं बढ़ेंगे गैस के दाम, सरकार ने मूल्य में संशोधन टाला

केंद्रीय तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सीसीईए की एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि आम आदमी के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी घटकों के साथ व्यापक चर्चा और मशविरा की जरूरत है। हमने तीन महीने के लिए इस मुद्दे को टाल दिया है।"
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी10:10 PM IST, 25 Jun 2014NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने घरेलू प्राकृतिक गैस के लिए नए मूल्य पर फैसला बुधवार को तीन महीने के लिए टाल दिया।

केंद्रीय तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सीसीईए की यहां हुई एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि आम आदमी के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी घटकों के साथ व्यापक चर्चा और मशविरा की जरूरत है। हमने तीन महीने के लिए इस मुद्दे को टाल दिया है।"

सीसीईए की यह बैठक, पूर्व की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा अधिसूचित नए गैस मूल्य पर विचार करने के लिए बुलाई गई थी, जिसे चुनावी आदर्श आचार संहिता के कारण लागू नहीं किया जा सका था।

तेल मंत्रालय ने अप्रैल में रिलायंस इंडस्ट्री से कहा था कि नई दर पहली जुलाई से लागू होगी। रिलायंस इंडस्ट्री पूर्वी तट से लगे समुद्र में स्थित तेल कुओं से 4.2 डॉलर प्रति यूनिट की पुरानी दर पर गैस की आपूर्ति कर रही है, जिसकी मियाद 31 मार्च को समाप्त हो चुकी है।

लोकसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल के आग्रह पर निर्वाचन आयोग ने उस समय आम चुनाव पूरा होने तक प्राकृतिक गैस की नई कीमत की घोषणा टालने के लिए सरकार को निर्देश दिया था।

सत्ता में आने के बाद नई सरकार इस बात की संभावना तलाश रही है कि क्या घरेलू स्तर पर उत्पादित सभी प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण के लिए रंगराजन फार्मूले के क्रियान्वयन में बदलाव किया जा सकता है या नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले रविवार को इस मामले पर तेल मंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात की थी।

रंगराजन फार्मूला, भारत में आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की औसत लागत और अमेरिका व ब्रिटेन जैसे अंतरराष्ट्रीय केंद्रों में लागू दरों के साथ ही जापान में आयातित गैस मूल्य पर दरें निर्धारित करने की सिफारिश करता है।

लेकिन इस फार्मूले का विभिन्न हलकों से विरोध हो रहा है, क्योंकि कहा जा रहा है कि इससे बिजली दर, यूरिया लागत, सीएनजी दर और पाईप के जरिए आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस पर असर पड़ सकता है।

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT