बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के कांग्रेस के आरोपों को 'एक और झूठी अफवाह' करार देते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उसकी सरकार ने जो भी प्रोत्साहन दिए हैं वे नीतियों पर आधारित हैं न कि मनमर्जी के अनुसार दिए गए हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं निश्चित रुप से भारत के कंपनी जगत को महत्वपूर्ण मानता हूं और समझता हूं कि यह देश में संपत्ति निर्माण में किस तरह मदद कर सकता है। मेरा मानना है कि पिछले 60 साल में कांग्रेस पार्टी वसूली के धंधे में लगी रही और इसीलिए उसने लालफीताशाही को बढ़ावा दिया।'
उन्होंने कहा कि वह लाल फीताशाही को खत्म करने में गहराई से विश्वास करते है। 'मैं कभी भी बड़ी कंपनियों को रियायत देने के पक्ष में नहीं रहा, मैं निश्चित रूप से इस बात में विश्वास करता हूं कि प्रक्रियाओं में तेजी लाकर, बाधाओं को दूर कर तथा पारदर्शिता को बढ़ावा देकर निवेश के लिए उपयुक्त माहौल तैयार किया जाना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'अगर कुछ निश्चित क्षेत्रों को प्रोत्साहन दिए भी गए तो वे उस पूरे क्षेत्र विशेष के लिए थे तथा नीतियों पर आधारित थे न कि किसी चुनिंदा कंपनी के लिए या मनमर्जी के अनुसार थे।'
अदाणी और टाटा समूह जैसे औद्योगिक घरानों पर कृपा करने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से बार-बार लगाए जा रहे आरोपों के बारे में पूछे गए सवालों की प्रतिक्रिया में मोदी ने ये बातें कही।
मोदी ने इन आरोपों को गिरने के कगार पर पहुंच चुकी 'हताश कांग्रेस द्वारा फैलया जा रही एक और झूठी अफवाह' करार देते हुए मोदी ने कहा कि टाटा नैनो मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय पिछले सप्ताह आया जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के रुख को सही ठहराया।
मोदी ने कहा, 'याचिका में जो आरोप लगाए गए थे, फैसले ने उसे खारिज कर दिया। अब ऐसे में इस प्रकार के दुष्प्रचार का कोई मतलब नहीं है।'
वह उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका को खारिज किए जाने का जिक्र कर रहे थे जिसमें साणंद में नैनो संयंत्र के लिए टाटा को सस्ती दर पर दिए गए कर्ज को चुनौती दी गई थी।
मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का मुख्य जोर औद्योगिक निवेश खासकर छोटे एवं मझोले उद्यमों पर है। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों की वृद्धि दर जहां देश में केवल 19 प्रतिशत है वहीं गुजरात में यह 85 प्रतिशत है।
राजग की आर्थिक नीतियों की प्राथमिकता के बारे में मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की सेहत को दुरुस्त करना तथा उसे फिर पटरी पर लाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी और वह कंपनियों को कारोबार करने की छूट देंगे क्योंकि 'उस काम को वही सबसे अच्छा जानती है।'
उन्होंने कहा, 'सबसे पहला और महत्वपूर्ण काम बुनियादी ढांचा तथा विनिर्माण क्षेत्र पर फिर जोर देना है।' मोदी ने कहा कि सर्वाधिक ध्यान देश के युवाओं के लिए रोजगार सृजन पर दिया जाएगा।
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि प्रक्रियागत बाधाओं को दूर करने तथा परियोजना को मंजूरी देने के लिए निर्णय लेने की पूरी प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मुद्रास्फीति पर शिकंजा कसने के लिए विशिष्ट कदम उठाए जाएंगे।
मोदी ने कहा कि भ्रष्टावार एक और चुनौती है जिसका देश को आज सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि समस्या सामने आने के बाद उस पर ध्यान देने के बजाए रिश्वतखोरी रोकने पर जोर होगा।
उन्होंने कहा, 'हमें भ्रष्टाचार निवारण पर ध्यान केंद्रित करना होगा बजाय इसके कि उसके सामने आने के बाद केवल उसके कार्य-करण की विवेचना तक सीमित रहने के रवैये को अपनाए रखना है।'