नरमे (कपास का एक प्रकार) की सरकारी खरीद पर आढ़त के मुद्दे को लेकर राजस्थान की मंडियों में पांच दिन की हड़ताल शुरू हुई हो गई है. इस बीच कृषि विपणन बोर्ड विभाग ने चार तारीख को आंदोलनरत व्यापारियों की बैठक बुलाई है. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि कृषि मंत्री के निर्देश पर यह पहल की गई है. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि राज्य की सभी 247 मंडियों में काम बिलकुल ठप है और कोई कारोबारी गतिविधि नहीं हो रही है.
उन्होंने कहा कि इस दौर में यह हड़ताल पांच सितंबर तक रहेगी. इसके बाद आगे का कार्यक्रम बनेगा. आढ़तिए केंद्र सरकार द्वारा नरमे (कपास का एक प्रकार) की सरकारी खरीद में व्यापारियों को आढ़त नहीं देने के फैसले से नाराज चल रहे हैं. गुप्ता ने कहा कि राज्य में 247 मंडियों के साथ साथ बड़ी संख्या में तेल मिलें, दाल मिलें व आटा मिले हैं. सरकार के इस फैसले से राज्य के 25000 आढ़त व्यापारी ही बेरोजगार नहीं होंगे बल्कि इस पर उन पर निर्भर साढ़े सात लाख अन्य लोगों की रोजी रोटी पर भी संकट आएगा.
संघ की मांग है कि उनकी आढ़त न केवल बहाल की जाए बल्कि उसे दो प्रतिशत से बढ़ाकर ढाई प्रतिशत किया जाए. सूत्रों के अनुसार ‘आफ सीजन’ के कारण मंडियों में पहले ही जिंसों की नग्ण्य आवक थी रही-सही कसर इस हड़ताल ने पूरी कर दी है. हड़ताल के चलते राज्य की सभी मंडियों में एक तरह से सन्नाटा पसरा रहा.
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