खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए संप्रग समर्थक सपा ने रविवार को वाम दलों और जदएस के साथ मिलकर सरकार से कहा कि वह व्यापक विचार विमर्श के बिना इस विवादित फैसले पर आगे नहीं बढ़े।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, माकपा महासचिव प्रकाश करात, भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी, फारवर्ड ब्लाक के देवव्रत विश्वास, जद एस के दानिश अली और आरएसपी के अवनी राय ने इस संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक संयुक्त पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि यह क्षेत्र रोजगार प्रदान करने के मामले में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति दिए जाने के फैसले को बहाल करने वाली है। सहयोगी दलों सहित विभिन्न पार्टियों द्वारा विरोध किए जाने के कारण इस फैसले को स्थगित कर दिया गया था।
पत्र में कहा गया है, ‘‘हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह खुदरा क्षेत्र को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए नहीं खोले। विभिन्न राजनीतिक दल इस कदम के विरोधी हैं। कई राज्य सरकारों ने भी इसका विरोध किया है। व्यापक आम सहमति के अभाव में, हम आपसे इस फैसले पर आगे नहीं बढ़ने का अनुरोध करते हैं।’’
सरकार ने अपने एक पूर्व फैसले में एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति दी थी। लेकिन संप्रग में शामिल तृणमूल कांग्रेस सहित कई पार्टियों के विरोध के बाद बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में ऐसे निवेश की अनुमति दिए जाने के फैसले को स्थगित कर दिया गया था। संयुक्त पत्र में कहा गया है कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति दिए जाने के फैसले को बहाल करने जा रही है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘इनमें से अधिकतर छोटे असंगठित या स्व-रोजगार वाले खुदरा कारोबारी हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सुपरमार्केट या हायपरमार्केट चेन से ऐसे छोटे या असंगठित दुकानदारों और व्यापारियों का बड़े पैमाने पर विस्थापन होगा। विशाल वाल-मार्ट सुपमार्कट चेन के आने से व्यापक नुकसान होगा।’’
(इनपुट भाषा से भी)