भारतीय रेलवे खान पान को लेकर आज नई नीति का ऐलान करेगा. इसके तहत वह अपनी केटरिंग सुविधाओं में कुछ आमूलचूल बदलाव करेगा. इसके तहत खाना बनाने और खाने के डिस्ट्रीब्यूशन को अलग अलग किया जाएगा. रेल मंत्री सुरेश प्रभु जनता को स्वस्थ और साफ सुथरा भोजने उपलब्ध करवाने के वादे को पूरा करने के मकसद से नई केटरिंग का ऐलान करेंगे. आईआरसीटीसी को अधिकतर ट्रेन में केटरिंग की जिम्मेदारी देने वाली नयी नीति सात साल पुरानी नीति की जगह पर लाई जा रही है.
बता दें कि 2010 में ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी को केटरिंग की जिम्मेदारी से आजाद कर दिया गया था. भोजन की गुणवत्ता को लेकर बहुत सारी शिकायतें रेल विभाग के पास आती हैं. नयी केटरिंग नीति के तहत अत्याधुनिक रसोईं में खाना पकाया जाएगा और आतिथ्य क्षेत्र की सेवा प्रदाता इकाइयों के माध्यम से इसका वितरण होगा.
प्रभु ने 2016 के बजट में कहा था कि आईआरसीटीसी चरणबद्ध तरीके से केटरिंग सेवा को संभालना शुरू करेगी. यह खाना पकाने और इसके वितरण को अलग अलग रखते हुए केटरिंग सेवा संचालित करेगी. रेलवे केटरिंग नीति-2017 आईआरसीटीसी को खाने का मेन्यू तय करने और इसके लिए राशि निर्धारित करने का अधिकार होगा, हालांकि इसके लिए उसे रेलवे बोर्ड से परामर्श लेना होगा. सामाजिक उद्देश्य को हासिल करने के मकसद से इस नीति के तहत स्टाल के आवंटन में महिलाओं को 33 फीसदी का उप-कोटा दिया जाएगा.
चलते चलते बता दें कि अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ई-टिकट लेने पर कोई सर्विस चार्ज नहीं लगेगा. आमतौर पर ई-टिकट बुक करने पर स्लीपर के लिए 20 रुपए और एसी टिकटों के लिए 40 रुपए सर्विस चार्ज के तौर पर देने होते हैं.
(एजेंसियों से भी)