ईपीएफओ (EPFO) ने आपके पीएफ (Provident Fund) संबंधी विभिन्न प्रकार की निकासी के लिए एक फॉर्म पेश किया है. अब चाहे आपको अडवांस धन निकालना हो या फिर समय पूरा होने पर, आपके एक जैसा फॉर्म ही भरना होगा. इस एक फॉर्म (Single-Page Composite Claim Form) के जरिए अलग अलग प्रकार के फॉर्म्स भरने के झंझट से अंशधारकों को निजात मिल गई है.
आइए एक नजर में जानें इस बाबत खास बातें...
यदि आपको अडवांस अमाउंट निकालना है तो इसके लिए भी अब शादी का कार्ड जमा करना जरूरी नहीं है. अडवांस अमाउंट इस अकाउंट से निकालते समय अब आपको जरूरी जानकारियां जैसे आधार और बैंक अकाउंट कर्मचारी के यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के जरिए ले ली जाएंगी.
पीएफ अकाउंट से विद्ड्रॉल के लिए क्लेम फॉर्म-आधार और नॉन-आधार- को ध्यान में रखकर जारी किया गया है. जिन्होंने आधार कार्ड और बैंक डीटेल अभी देनी हैं, उन्हें किसी भी क्लेम के लिए नियोक्ता से फॉर्म को सत्यापित करवाना होगा.
ईपीएफओ ने सभी अंशधारकों जिनमें पेंशनर्स भी शामिल हैं, आधार नंबर सब्मिट करवाना जरूरी कर दिया है. वैसे आधार नंबर जमा करवाने की आखिरी तारीख बढ़ाकर सरकार ने 31 मार्च कर दी है. ससे पहले ईपीएफओ ने आधार नंबर जमा करवाने की समयसीमा 28 फरवरी तय की थी. संगठन ने जनवरी में उसकी योजनाओं के तहत लाभ लेते रहने को जारी रखने के लिए अंशधारकों द्वारा आधार नंबर सब्मिट करना अनिवार्य कर दिया था. (इस बाबत पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें)
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ईपीएफ निकासी और पेंशन जैसे सभी दावों के ऑनलाइन निपटान की व्यवस्था मई तक हकीकत रूप ले लेगी. इसके साथ ही ईपीएफओ के अंशधारकों के लिये जटिल कागजी कार्य समाप्त हो जाएगा. ईपीएफओ की महत्वाकांक्षी योजना है कि ऑनलाइन आवेदन जमा करने के तीन घंटे के भीतर पीएफ से रकम निकासी हो जाए.
आधार से जुड़े डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को देने की तारीख भी बढ़ाकर 31 मार्च कर दी है. जनवरी में ईपीएफओ ने जीवन प्रमाण पत्र कार्यक्रम के तहत इसे जमा कराने की तारीख बढ़ाकर 28 फरवरी की थी. पेंशनभोगियों की सुगमता के लिए यह कदम उठाया गया था. पिछले साल नवंबर में ईपीएफओ ने अंतिम तारीख को बढ़ाकर 15 जनवरी, 2017 किया था, जिससे नोटबंदी से प्रभावित पेंशनभोगियों को राहत मिल सके. (इस बाबत पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें)
यह है नया कंपोजिट क्लेम फॉर्म Composite Claim Forms (CCF):