ईपीएफओ (EPFO) से जुड़े 2.7 करोड़ लोगों के डेटा चोरी होने के मामले के सामने आने के बाद विभाग हरकत में आया है. आईटी मंत्रालय को लिखे गए एक खत के मुताबिक हैकर्स ने EPFO के आधार सीडिंग पोर्टल से डेटा चुराया है. कर्मचारियों के आधार डाटा लीक होने की खबर पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने आनलाइन सामान्य सेवा केंद्र जिसे CSC के नाम से जाना जाता है, की सेवाएं रोक दी हैं.
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विभाग का है कि CSC की ‘संवेदनशीलता की जांच’ लंबित रहने तक इन सेवाओं को रोका गया है. बता दें कि डेटा लीक की खबरों के बाद सरकार की ओर से साफ कहा गया कि डेटा लीक नहीं हुआ है. वहीं, ईपीएफओ ने सरकार की वेबसाइट से अंशधारकों का डाटा लीक की किसी आशंका को खारिज कर है.
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बता दें कि खबरें आ रही थी कि aadhaar.epfoservices.com से अंशधारकों का डाटा चोरी किया गया है.
ये रपटें ईपीएफओ केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वीपी जॉय द्वारा सीएससी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश त्यागी को लिखे पत्र पर आधारित हैं.
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इतना ही नहीं सीएसई की सेवाओं बंद करने के कदम पर ईपीएफओ ने बयान जारी कर कहा, 'डेटा या सॉफ्टवेयर की संवेदनशीलता को लेकर चेतावनी एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है.
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इसी आधार पर सीएससी के जरिये प्रदान की जाने वाली सेवाओं को 22 मार्च, 2018 से रोक दिया गया है.' ईपीएफओ ने कहा कि ये रिपोर्ट सीएससी (CSC) के जरिये सेवाओं के बारे में है और इनका ईपीएफओ सॉफ्टवेयर या डाटा केंद्र से लेना देना नहीं है. ईपीएफओ ने कहा कि डाटा लीक अब तक कोई पुष्टि नहीं हुई है.
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ईपीएफओ ने कहा कि किसी तरह की चिंता की जरूरत नहीं है. डेटा लीक की किसी भी संभावना को रोकने के लिए हरसंभव उपाय किए गए हैं. भविष्य में इस बारे में सतर्कता बरती जाएगी.