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10,000% की रैली के बावजूद गिरा यह शेयर, जानें वजह

EKI Energy Services Share Update: 2021 में, ईकेआई ने भारत में "नेचर-बेस्ड" परियोजनाओं को विकसित करने के लिए शेल पीएलसी के साथ एक संयुक्त उद्यम में प्रवेश किया था. यह 1.6 बिलियन डॉलर का टाई-अप था.
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NDTV Profit हिंदी02:41 PM IST, 16 Nov 2022NDTV Profit हिंदी
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EKI Energy Services Share Update: ईकेआई एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड के शेयरों ने पिछले एक साल में अपने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है. साल 2021 में कंपनी अपना आईपीओ लेकर आई थी. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्टिंग के समय इसका इश्यू प्राइस 102 रुपये प्रति शेयर था. लेकिन आईपीओ के तुरंत बाद कंपनी के शेयरों में 10,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे कंपनी का मूल्यांकन लगभग 10 मिलियन डॉलर से 1 बिलियन डॉलर हो गया. इतना ही नहीं, दिसंबर तक यह भारत के सबसे व्यापक सूचकांक में सालाना आधार पर सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला स्टॉक था.

यह कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होने के सिर्फ 9 महीने  में ही यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गई.हालांकि, EKI के शेयर अपने सार्वकालिक उच्च स्तर से 48 प्रतिशत गिर गए हैं. यह कंपनी कार्बन क्रेडिट की सर्विस देती है.

ईकेआई ने "नेचर-बेस्ड" परियोजनाओं के लिए शेल पीएलसी के साथ किया करार

यह पहली सूचीबद्ध कार्बन ऑफसेट कंपनी है. वहीं, उन ऑफसेट का बाजार मूल्य जिसमें फर्म की अधिकांश संपत्ति शामिल है, लंबे समय से लगातार बढ़ रही थी. कार्बन ऑफसेट का मूल्य विश्वव्यापी उत्सर्जन में कटौती करने में इसकी उपयोगिता पर निर्भर करता है.बर्कले कार्बन ट्रेडिंग प्रोजेक्ट के आंकड़ों के अनुसार, ये नवीकरणीय ऊर्जा योजनाओं- पवन और सौर फार्मों से जुड़े ऑफसेट हैं, जो भारत में अडानी समूह जैसे रिन्यूएबल एनर्जी ग्रुप द्वारा विकसित किए गए हैं. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 2021 में, ईकेआई ने भारत में "नेचर-बेस्ड" परियोजनाओं को विकसित करने के लिए शेल पीएलसी के साथ एक संयुक्त उद्यम में प्रवेश किया था. यह 1.6 बिलियन डॉलर का टाई-अप था.

भारत में लगभग सभी व्यवसायों पर ईकेआई ने किया कब्जा: डबकरा

कंपनी के फाउंडर मनीष डबकरा ने कहा, हम खुद को भविष्य के लिए तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हम अपने नेतृत्व की भूमिका से बाहर न जा सकें. डबकरा  मूल रुप से मध्य प्रदेश के  रहने वाले हैं. उन्होंने इंजीनियरिंग के साथ- साथ एनर्जी की पढ़ाई की है. डबकरा ने 2008 में ईकेआई की स्थापना की. उस समयकार्बन ऑफ़सेट का बाज़ार बहुत छोटा था. डबकारा ने नहीं सोचा था कि यह इस तरह आगे जाएगा और ईकेआई ने अपनी इन्वेंट्री का निर्माण शुरू कर दिया. डबकारा ने कहा कि ईकेआई ने भारत में लगभग सभी व्यवसायों पर कब्जा कर लिया है. भारत अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों अमेरिका और चीन की तुलना में अधिक क्रेडिट उत्पन्न करता है.

कंपनी ने विश्व बैंक और अडानी समूह को ग्राहकों की सूची में जोड़ा

आईपीओ को बंपर रिस्पांस मिलने के बाद, कंपनी ने तुर्की में एक ऑफिस खोला. इस ऑफिस में 250 से अधिक कर्मचारियों को  नियुक्त किया और 3,000 से अधिक नामों के साथ विश्व बैंक और अडानी समूह को ग्राहकों की सूची में जोड़ने में कामयाब रहा.

इन क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करती है कंपनी

आज के समय में EKI भारत के कार्बन क्रेडिट उद्योग में अग्रणी कंपनियों में से एक है. यह, कार्बन क्रेडिट ऑफसेटिंग,  आईएसओ परामर्श और डेवलपर्स को उनकी परियोजनाओं को प्रमाणित करने में मदद करता है. इसके साथ ही यह जलवायु परिवर्तन सलाहकार और विद्युत सुरक्षा ऑडिट के क्षेत्रों में भी सेवाएं प्रदान करती है. EKI एनर्जी बिजली उत्पादन, कचरा प्रबंधन और हवाई अड्डे  सहित कई  सरकारी और निजी क्षेत्र के उद्योगों को सेवाएं देती है.
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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