केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कुछ राज्यों में सूखे की स्थिति और कम बारिश के बावजूद इस साल घबराहट वाली बात नहीं है। लबालब भरे खाद्यान्न भंडार और चीनी के स्टॉक के साथ वह स्थिति का मुकाबला करने को तैयार है।
खाद्य राज्य मंत्री केवी थॉमस ने 'फूडकॉन 2012' का उद्घाटन करते हुए कहा कि पिछले साल खाद्यान्न और चीनी का उत्पादन अनुमान से अधिक रहा था, जिससे सरकार के पास आने वाले साल के लिए गोदामों में उपयुक्त खाद्यान्न स्टॉक उपलब्ध है।
उन्होंने कहा, खाद्यान्न भंडार के मामले में भारत सरकार सबसे बड़ी स्टॉकिस्ट है। भारतीय खाद्य निगम के पास इस समय आठ करोड़ 20 लाख टन खाद्यान्न का भंडार है, जबकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए पांच करोड 50 लाख टन खाद्यान्न की ही आवश्यकता है।
थॉमस ने कहा कि सरकार के पास चावल का एक साल के लिए भंडार है, जबकि गेहूं का भंडार तीन साल के लिए काफी है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। हालांकि, उन्होंने सब्जियों, फलों, खाद्य तेलों और दाल दलहन जैसी अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी के बारे में चेताया। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ का आयात किया जाता है।
भारतीय मौसम विभाग ने मॉनसून की बारिश में 22 प्रतिशत कमी का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा, हम स्थिति की पहले से समीक्षा कर, सूखे का सामना कर सकते हैं, घबराहट वाली कोई बात नहीं है। देश में कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित मध्य भारत कम बारिश के कारण प्रभावित रहे हैं और इन क्षेत्रों में सूखे जैसी स्थिति बनी है।