टाटा सन्स से बाहर किए गए सायरस मिस्री अभी भी समूह की कुछ कंपनियों के चेयरमैन पद पर बने हुए हैं. दस हज़ार करोड़ डॉलर के समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स के चेयरमैन पद से मिस्री को निकाल दिया गया है जिसके बाद टाटा के साथ उनकी तनातनी एक ईमेल के ज़रिए सार्वजनिक हो गई.
सूत्रों का कहना है कि टाटा समूह को उम्मीद है कि मिस्त्री 'नैतिकता के आधार' पर इन कंपनियों से इस्तीफा दे देंगे. मिस्त्री द्वारा बोर्ड सदस्यों को लिखे पांच पन्नों के ईमेल को समूह ने कंपनी की इमेज को धक्का पुहंचाने का 'अक्षम्य' प्रयास बताया. वहीं इस बात की तरफ भी इशारा किया गया है कि ग्रुप में कामकाज रोज़मर्रा की तरह ही चलेगा. टाटा स्टील ने गुरुवार को मार्केट विशेषज्ञों के साथ एक कॉन्फ्रेंस कॉल किया जिसमें साफ किया गया कि नेतृत्व में बदलाव से कंपनी के यूरोपियन स्टील बिज़नेस की रणनीति या योजना में कोई बदलाव नहीं होगा.
यही नहीं स्टॉक मार्केट को शांत करने के लिए टाटा स्टील ने कैनेडा की खनीज लोहा खदान के साथ हाथ मिलाने का ऐलान कर डाला. मिस्त्री के हटाये जाने की घोषणा के बाद कंपनी के शेयर तेज़ी से लुढ़के हैं. जानकारों का कहना है कि निवेशकों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है लेकिन सायरस मिस्त्री के साथ मौजूदा हालात के बाद भी अगर वह कुछ कंपनियों के चेयरमैन बने रहते हैं तो स्थिति थोड़ी विकट हो सकती है.
एल्टामाउंट कैपिटल के को हेड के सुब्रमण्यम ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा 'जिस तरह से हालात बने, काफी कुछ अनचाहा भी हो गया जिसने निवेशकों को ज़रा हिला दिया है. उम्मीद है कि स्थिति अब संभल जाएगी और यह तनाव जल्द से जल्द दूर होगा.'
एचडीएफसी सेक्योरिटीज़ में प्रायवेट क्लायेंट ग्रुप के बिज़नेस हेड वीके शर्मा भी टाटा टेलिसर्विसेज़ में निवेशक हैं. उन्होंने कहा कि मिस्त्री को खुद ही हट जाना चाहिए. उनके ऐसा नहीं करने से फैसला लेने की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी इसलिए बेहतर है कि वह बाकी कंपनियों से भी खुद ही हट जाएं.
बता दें कि 48 साल के सायरस मिस्त्री अभी भी टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कनसल्टेंसी सर्विसेज़, इंडियन होटल्स, टाटा ग्लोबल बेवरेज़स लिमिटेड, टाटा केमिकल्स, टाटा इंडस्ट्रीज़ और टाटा टेलीसर्विसेज़ के अभी भी चेयरमैन है. वह अभी भी टाटा सन्स के डायरेक्टर हैं और कानून के मुताबिक उचित चेतावनी दिए जाने के बाद शेयरधारकों द्वारा ही हटाए जा सकते हैं. उनका परिवार शापुरजी पालोनजी ग्रुप, निर्माण कंपनी का टाटा सन्स में बीस फीसदी हिस्सा है.