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कच्चे तेल के दाम जमीन पर, पेट्रोल के दाम आसमान पर बरकरार

26 मई 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली, तब से अब तक कच्चे तेल के दाम चार गुना घटे हैं लेकिन पेट्रोल के दामों में कमी सिर्फ 12 रुपये के आसपास ही हुई है। सवाल है कि आखिर कच्चा तेल 12 साल में सबसे सस्ता है तो सरकार आम लोगों को इसका फायदा क्यों नहीं दे रही है?
NDTV Profit हिंदीReported by Himanshu Shekhar Mishra, Edited by Suryakant Pathak
NDTV Profit हिंदी10:27 PM IST, 13 Jan 2016NDTV Profit हिंदी
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26 मई 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली, तब से अब तक कच्चे तेल के दाम चार गुना घटे हैं लेकिन पेट्रोल के दामों में कमी सिर्फ 12 रुपये के आसपास ही की गई है। सवाल उठ रहा है कि आखिर कच्चा तेल 12 साल में सबसे सस्ता है तो सरकार आम लोगों को इसका फायदा क्यों नहीं दे रही है?

कच्चा तेल मिनरल वॉटर से सस्ता
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बीते एक दशक में तीस डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर पर तेल कभी नहीं हुआ। 12 जनवरी को यह 27.33 डॉलर हो गया। लीटर और रुपये के हिसाब से देखें तो करीब 12 रुपये लीटर। कच्चा तेल इतना सस्ता हो गया है कि इसकी कीमत मिनरल वाटर से भी कम हो गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल आज करीब 12 रुपये प्रति लीटर के रेट पर बिक रहा है जो एक लीटर के मिनरल वाटर की बोतल से भी कम है।

कच्चा तेल 300 फीसदी, पेट्रोल सिर्फ 17 फीसदी सस्ता हुआ
जनता को यह तेल अब भी महंगा पड़ रहा है। अगर 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के शपथ लेने के बाद से कच्चे तेल और पेट्रोल के दाम की तुलना करें तो तस्वीर कुछ और साफ होती है। 26 मई 2014 को कच्चे तेल की कीमत 108.05 डॉलर प्रति बैरल थी, जबकि दिल्ली में उस दिन पेट्रोल की कीमत 71.41 रुपये लीटर थी। और अब जब 12 जनवरी 2016 को कच्चा तेल सस्ता होकर 27.33 डॉलर प्रति बैरल पर बिक रहा है, तब पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 59.35 रुपये प्रति लीटर है। यानी कच्चे तेल के दाम 300 फीसदी गिरे, जबकि पेट्रोल के दाम सिर्फ 17% कम हुए।

गिरी कीमतों का फायदा सरकार और तेल कंपनियों को
मतलब साफ है दाम घटने के सारे फायदे सरकार और तेल कंपनियों के खाते में जा रहे हैं, जनता को नहीं दिए जा रहे। जब कच्चा तेल महंगा होता है तो दाम तुरंत बढ़ जाते हैं। अब जब सस्ता हो रहा है तो दाम और घटने भी चाहिए। अर्थशास्त्री भी मानते हैं कि इस गिरावट का कुछ फायदा आम लोगों तक भी पहुंचना चाहिए। अर्थशास्त्री और अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पी बालाकृष्णन ने NDTV इंडिया से कहा, "कच्चा तेल सस्ता होने का कुछ फायदा आम आदमी को भी मिलना चाहिए। साथ ही, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो अतिरिक्त कमाई तेल पर कर से हो रही है उसका इस्तेमाल बुनियादी सेक्टर में नए निवेश और नरेगा जैसी सामाजिक विकास की योजनाओं पर हो।"  

अब सवाल यह है कि इस गिरावट का फायदा आम आदमी को मिलेगा या नहीं?

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