दीपावली का त्योहार नजदीक है. इस मौके पर गुजरात में हर साल करोड़ों रुपये के चायनीज पटाखे और अन्य प्रोडक्ट गुजरात में बिकते हैं. घरों को रोशनी करने वाली चायनीज लाइटों का भी बोलबाला रहता है. लेकिन इस साल देश में चौतरफा चायनीज चीजों का विरोध किया जा रहा है. गुजरात चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने तो उनसे जुड़े व्यापारियों को आदेश दिया है कि वे इस सामान का बहिष्कार करें.
चेम्बर के अध्यक्ष बिपिन पटेल का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ चीन भारत को ठीक से समर्थन नहीं दे रहा है, इसलिए इसके विरोध में वे चीन के सामान का बहिष्कार करेंगे.
दूसरी ओर गुजरात के पटाखा बाजार में चायनीज पटाखों की बिक्री में कमी नजर आ रही है. गुजरात के लोग भी इस बार चायनीज पटाखों और इलेक्ट्रॉनिक्स सामग्री से खुद को दूर रखना चाहते हैं. जाहिर है चीन निर्मित चीजों के प्रति बढ़ रहे इस आक्रोश का खामियाजा स्थानीय व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है.
एक व्यापारी ने कहा कि सरकार को चाइनीज़ पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला फरवरी-मार्च तक ले लेना चाहिए था ताकि कोई व्यापारी यह सामान नहीं खरीदता. अब बड़े पैमाने पर व्यापारियों ने चीनी पटाखे और अन्य उत्पाद खरीद लिए हैं तो स्वाभाविक तौर पर वे उसे बेचेंगे ही. अहमदाबाद में कालुपुर, दिल्ली दरवाजा, रायपुर, कुबेर नगर वगैरह में चाइनीज़ सामान काफी बिकता है. लेकिन सेटेलाइट, जजीस बंगला रोड जैसे इलाकों में यह सामान नजर नहीं आता है.
कुछ व्यापारी इसके समर्थन में हैं तो कई व्यापारी इस फैसले से खासे नाराज़ हैं. गुजरात में चाइनीज चीजों का सालाना व्यापार करीब 20,000 करोड़ का है.