वित्त मंत्रालय ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) गठित करने को लेकर मंत्रिमंडल के समक्ष भेजे जाने वाले प्रस्ताव का मसौदा जारी किया है। प्रस्तावित समिति में रिजर्व बैंक की भूमिका महत्वपूर्ण बनी रहेगी।
सरकार ने एमपीसी पर कैबिनेट नोट तैयार किया है
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार ने एमपीसी पर कैबिनेट नोट तैयार किया है। रिजर्व बैंक काफी विश्वासीय संस्थान है और प्रस्तावित समिति की संरचना में ऐसा कुछ भी नहीं किया जाएगा जिससे रिजर्व बैंक की भूमिका कम हो।’’ हालांकि अधिकारी ने संरचना के साथ रिजर्व बैंक के गवर्नर के वोटिंग अधिकार के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया। यह मौजूदा व्यवस्था का स्थान लेगा जिसमें रिजर्व बैंक के प्रमुख एक तकनीकी परामर्श समिति की सिफारिश पर नीतिगत दर के बारे में अपना निर्णय करते हैं।
इसमें वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि शामिल होंगे
सरकार ने नीतिगत दर के बारे में निर्णय के लिए एमपीसी के गठन का प्रस्ताव किया है जिसमें वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि शामिल होंगे। वित्त मंत्रालय ने भारतीय वित्तीय संहिता (आईएफसी) के संशोधित मसौदे को जुलाई में जारी किया था। इसमें रिजर्व बैंक के वीटो शक्ति को समाप्त करने तथा सात सदस्यीय एमपीसी के गठन का प्रस्ताव किया गया था जो बहुमत के आधार पर निर्णय करेगी। सात सदस्यों में चार सरकार द्वारा नामित तथा शेष रिजर्व बैंक से होंगे।