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Share Market: एशियाई बाजारों में सुधार के बीच हल्की बढ़त के साथ शेयर बाजार बंद, एनर्जी-मेटल शेयरों में तेजी

Sensex, Nifty today: सेंसेक्स क्लोजिंग पर 35.75 अंक यानी 0.07% की उछाल के साथ 50,441.07 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 18.10 अंक यानी 0.12% की बढ़त के साथ 14,956.20 पर बंद हुआ. आज दिन के कारोबार में एनर्जी, ऑयल और मेटल सेक्टरों के शेयरों में तेजी रही.
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NDTV Profit हिंदी03:59 PM IST, 08 Mar 2021NDTV Profit हिंदी
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Stock Market Updates : अमेरिका में बॉन्ड यील्ड पर चिंता घटने और सीनेट की ओर से 1,900 अरब डॉलर का प्रोत्साहन पैकेज पारित कर दिए जाने के बाद निवेशकों में उत्साह का माहौल रहा, जिसका असर आज एशियाई बाजारों के साथ घरेलू शेयर बाजार में भी रहा. एशियाई बाजारों में मजबूत सुधार देखने को मिला. घरेलू बाजार में दोनों बेंचमार्क इंडेक्स हल्की बढ़त के साथ बंद हुए हैं.

सेंसेक्स क्लोजिंग पर 35.75 अंक यानी 0.07% की उछाल के साथ 50,441.07 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 18.10 अंक यानी 0.12% की बढ़त के साथ 14,956.20 पर बंद हुआ. आज दिन के कारोबार में एनर्जी, ऑयल और मेटल सेक्टरों के शेयरों में तेजी रही. 

अगर रुपये की बात करें तो आज क्लोजिंग पर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 23 पैसे टूटकर 73.25 (अस्थायी) पर बंद हुई है. रुपया कारोबार की शुरुआत में डॉलर के मुकाबले 14 पैसे गिरकर 73.16 रुपये प्रति डॉलर पर था.

बता दें कि मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच सोमवार यानी 8 मार्च, 2021 को घरेलू शेयर बाजार बढ़त के साथ खुले थे. दोनों ही इंडेक्स सेंटीमेंटल लेवल के ऊपर ट्रेड कर रहे थे, हालांकि, क्लोजिंग में निफ्टी फिर 15,000 के लेवल के नीचे आ गया है. सुबह 09:16 पर सेंसेक्स में 282.54 अंकों या 0.56% की बढ़त के साथ 50,687.86 के लेवल पर खुला और निफ्टी 77.90 अंकों यानी 0.52 फीसदी की उछाल के साथ 15,016.00 के लेवल पर खुला था. 

इस हफ्ते बाजार की दिशा लॉन्ग टर्म में अमेरिकी बांड पर यील्ड, कच्चे तेल की कीमतों और वृहद आर्थिक आंकड़ों से तय होगी, ऐसा विश्लेषकों की राय है. इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू निवेशकों के रुख, डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव और कोरोना वायरस से जुड़े घटनाक्रम भी बाजार को दिशा देंगे.

विश्लेषकों का कहना है कि इसके अलावा निवेशकों की निगाह घरेलू संकेतकों मसलन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति, थोक मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) पर रहेगी. ब्रेंट कच्चे तेल के दामों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी. कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी भारतीय बाजारों की दृष्टि से एक ओर जोखिम है.

(भाषा से इनपुट के साथ)

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