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बोइंग और टाटा हैदराबाद में बनाएंगे अपाचे का ढांचा, पर्रिकर ने बताया 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने वाला

'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देते हुए दिग्गज अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने बोइंग एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर के ढांचे व अंतरिक्ष संबंधित अन्य ढांचों के उत्पादन के लिए हैदराबाद में एक संयंत्र स्थापित करने के लिए हाथ मिलाया है।
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NDTV Profit हिंदी11:05 PM IST, 18 Jun 2016NDTV Profit हिंदी
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'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देते हुए दिग्गज अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने बोइंग एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर के ढांचे व अंतरिक्ष संबंधित अन्य ढांचों के उत्पादन के लिए हैदराबाद में एक संयंत्र स्थापित करने के लिए हाथ मिलाया है। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को आदिबाटला शहर के बाहरी हिस्से में स्थित अंतरिक्ष विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल) की आधारशिला रखी।

इस संयंत्र में अंतरिक्ष के क्षेत्र में एकीकृत प्रणाली विकसित करने पर भी काम होगा। हैदराबाद का यह संयंत्र एएच-64 का ढांचा तैयार करने वाला दुनिया का अकेला संयंत्र होगा। एच-64 दुनिया का सबसे उन्नत बहुउद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और अमेरिकी सेना सहित कई अन्य देशों की सेनाएं इसका इस्तेमाल करती हैं, जिसमें भारत भी शामिल है।

पर्रिकर ने इस संयुक्त उद्यम को रक्षा क्षेत्र का सबसे बड़ा विदेशी निवेश करार दिया है और कहा है कि यह सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान को बढ़ावा देने वाला है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में इस प्रकार के निवेश को और बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा, 'उन्होंने इस संयंत्र को भारत में स्थापित करने का वादा किया था, लिहाजा इसे पहले जहां स्थापित किया गया था, वे वहां से इसे यहां स्थानांतरित कर रहे हैं।' बोइंग और टीएएसएल के बीच पिछले साल अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र के विनिर्माण को लेकर साझेदारी स्थापित करने पर सहमति बनी थी, जिसमें मानव रहित विमानों का विनिर्माण भी शामिल है।

टीएएसएल टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है और इसे बोइंग के सीएच-47 चिनूक और एएच-6आई हेलीकॉप्टर के ढांचे के विनिर्माण का ठेका मिला है। टीएएसएल ने इसके अलावा और कई बड़ी कंपनियों से हाथ मिलाया है, जिसमें रूआग, पिलाटस, लाकहीड मार्टिन, सिकोरस्काई और एयरबस शामिल हैं।

बोइंग के उपाध्यक्ष (वर्टिकल लिफ्ट) डेव कूपरस्मिथ ने कहा कि बोइंग के वाणिज्यक और रक्षा कार्यक्रमों में भारतीय उद्योग महत्वपूर्ण मदद मुहैया करा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी ने हाल ही में भारतीय विश्वविद्यालयों और प्रौद्योगिकी शिक्षण संस्थानों के साथ गठजोड़ किया है, ताकि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्र में विकास को बढ़ावा दिया जा सके और इंजीनियरिंग प्रतिभा को बढ़ावा मिल सके।

बोइंग इंडिया के अध्यक्ष प्रत्यूष कुमार ने कहा कि बोइंग ने पिछले साल से भारत से की जाने वाली खरीद को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है, जो रोजना 10 करोड़ रुपये की खरीदारी है और इसे जारी रखने की योजना है। टीएएसएल के अध्यक्ष एस. रामादुरई ने कहा कि आधारशिला रखे जाने का कार्यक्रम भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

टाटा एडवांस्ड सिस्टम के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुकर्ण सिंह ने कहा कि वह बोइंग जैसी कंपनी के साथ साझेदारी कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होने कहा, 'यह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की हमारी 10वीं परियोजना है, जो हेलीकॉप्टर और विमान से संबंधित है। हमने जिस तरह की क्षमताएं विकसित की हैं, उससे हम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के मानक के अनुरूप हेलीकॉप्टर और विमान दोनों का अबाध विनिर्माण कर सकेंगे।'

बोइंग अंतरिक्ष क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है और व्यावसायिक जेट विमानों और रक्षा, अंतरिक्ष व सुरक्षा प्रणालियों का निर्माण करती है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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