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अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी से 5.66 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'यह देश के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी नीलामी हो सकती है। इसकी मंजूरी सरकार ने दी है।'
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NDTV Profit हिंदी10:20 PM IST, 22 Jun 2016NDTV Profit हिंदी
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सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी योजना को मंजूरी दे दी। सात फ्रीक्वेंसी में होने वाली स्पेक्ट्रम की इस नीलामी से 5.66 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इससे कंपनियों को चीन के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन बाजार में उच्च गति वाले 4जी वॉयस और डेटा सर्विस के विस्तार में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'यह देश के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी नीलामी हो सकती है। इसकी मंजूरी सरकार ने दी है।' हालांकि, उन्होंने नीलामी के लिए समयसीमा नहीं बताई। स्पेक्ट्रम की यह नीलामी 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज तथा 2500 मेगाहर्ट्ज बैंडों में होगी।

जेटली ने कहा कि सरकार ने कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) दूरसंचार नियामक ट्राई के पास वापस भेजने का फैसला किया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एसयूसी के रूप में तीन प्रतिशत सालाना आय का प्रस्ताव किया था। इस सिफारिश का अंतर-मंत्रालयी समिति दूरसंचार आयोग ने भी समर्थन किया।

हालांकि, सरकार के मुख्य विधि अधिकारी मुकुल रोहतगी ने ब्रॉडबैंड वायरलेस एक्सेस (बीडब्ल्यूए) प्रदाताओं के लिए एसयूसी बढ़ाने के खिलाफ राय दी है, जो फिलहाल एक प्रतिशत है। मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इनफोकॉम बीडब्ल्यूए प्रदाता है। जेटली ने कहा कि ट्राई की राय फिर से ली जाएगी, क्योंकि महान्यायवादी के विचार बाद में आए हैं। वहीं
सूत्रों ने कहा कि ट्राई एक महीने में अपनी सिफारिशें दे सकता है।

आगामी नीलामी में 2,300 मेगाहर्ट्ज से अधिक के रेडियो तरंगों को सात बैंडों में दूरसंचार कंपनियों के लिये रखा जाएगा। इस नीलामी से सरकार को 5.66 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इसमें से 64,000 करोड़ रुपये अग्रिम भुगतान के रूप में चालू वित्त वर्ष में मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा दूरसंचार क्षेत्र में विभिन्न शुल्कों तथा सेवाओं से चालू वित्त वर्ष में 98,995 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। सरकार को मार्च 2015 में स्पेक्ट्रम की बिक्री से 1.1 लाख करोड़ रुपये मिले थे।

नीलामी में हासिल स्पेक्ट्रम में कारोबार के लिए 'लॉक इन' अवधि तीन साल से कम कर एक वर्ष कर दिया गया है। इससे दूरसंचार उद्योग में एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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