जमीन जायदाद की खरीद फरोख्त में कालेधन के प्रयोग पर अंकुश लगाने के लिए बनाए गए एक नए कानून के तहत संपत्ति रखने वालों के लिए सात साल तक के कठोर कारावास की सजा और जुर्माना हो सकता है. ऐसा रीयल एस्टेट क्षेत्र में कालेधन के प्रवाह को कम करने के लिए सरकार द्वारा पारित किए गए एक नए विधेयक की वजह से संभव हो सकेगा.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हाल ही में बेनामी लेनदेन निषेध (संशोधन) कानून-2016 पर हस्ताक्षर किया और यह अधिनियम अधिसूचित किया जा चुका है. इस में बेनामी संपत्ति को जब्त करने और इसके खिलाफ भारी जुर्माने का प्रावधान है.
इसके तहत वह सम्पत्ति बेनामी संपत्ति मानी जाएगी जो किसी और व्यक्ति के नाम हो या हस्तांतरित की गयी हो लेकिन उसका प्रावधान या भुगतान किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया गया हो. इस तरह का सौदा बेनामी सम्पत्ति के प्रावधान या भुगतान करने वाले को तत्काल या भविष्य में लाभ पहुंचाने के उद्येश्य से किया गया होता है.
बेनामी लेनदेन कानून 1988 में संशोधन के लिए इस विधेयक को पिछले साल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले वर्ष 13 मई को लोकसभा में पेश किया था उसके बाद उसे वित्त मामलों की संसदीय स्थायीह समिति के पास भेज दिया गया. समिति ने इस पर अपनी रपट गत 28 अप्रैल को दी. लोकसभा ने इस विधेयक को 27 जुलाई को पारित किया और राज्यसभा ने दो अगस्त को इसे मंजूरी दी.