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जीएसटी रिफंड के मुद्दे पर ई-कामर्स कंपनियों के आडिट का आदेश

मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण ने ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों फ्लिपकार्ट, अमेजन तथा स्नैपडील के आडिट का आदेश दिया है. आडिट के जरिये यह पता लगाया जाएगा कि इन कंपनियों ने उपभोक्ताओं से जुटाए गए अतिरिक्त माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लौटाया है या नहीं.
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NDTV Profit हिंदी03:23 PM IST, 26 Jul 2018NDTV Profit हिंदी
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मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण ने ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों फ्लिपकार्ट, अमेजन तथा स्नैपडील के आडिट का आदेश दिया है. आडिट के जरिये यह पता लगाया जाएगा कि इन कंपनियों ने उपभोक्ताओं से जुटाए गए अतिरिक्त माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लौटाया है या नहीं. 

राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण द्वारा फ्लिपकार्ट मामले में दायर के आदेश के तहत केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के ऑडिट महानिदेशक सभी प्रमुख ई-प्लेटफार्म कंपनियों का आडिट करेंगे और इसकी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौपेंगे. यह समस्या इसलिए पैदा हुई क्योंकि जब आर्डर दिया गया था तो उस समय जीएसटी दर ऊंची थी , जबकि उपभोक्ताओं को डिलिवरी के समय जीएसटी दर घट चुकी थी. 

फ्लिपकार्ट मामले में अपनी व्यवस्था देते हुए प्राधिकरण ने कहा कि इस तरह के कई मामले हो सकते हैं जबकि ई-प्लेटफार्म द्वारा उपभोक्ताओं से अधिक जीएसटी लिया गया हो और बाद में कर दर कम होने पर उसे लौटाया नहीं गया हो. 15 नवंबर , 2017 को कई उत्पादों से जीएसटी दर घटाई गई थी. 

इसी के मद्देनजर मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण ने महानिदेशक आडिट, सीबीआईसी को प्रमुख ई-कामर्स कंपनियों का आडिट करने और उसकी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. हालांकि, प्राधिकरण ने फ्लिपकार्ट के खिलाफा मुनाफा काटने संबंधी शिकायत को खारिज कर दिया. एक व्यक्ति ने यह शिकायत दर्ज की थी. ई-कामर्स कंपनी ने आश्वासन दिया है कि उसने बुकिंग के समय लिए गए अतिरिक्त जीएसटी को संबंधित व्यक्ति को वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जिसके बाद फ्लिपकार्ट के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया गया. 

केंद्रीय वित्त मंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने पिछले साल 15 नवंबर से रोजमर्रा के इस्तेमाल के करीब 200 उत्पादों पर जीएसटी दर घटाई थी. इनमें चॉकलेट, फर्नीचर, हाथ घड़ी, कटलेरी उत्पाद, सूटकेस और सेरामिक टाइल्स आदि शामिल हैं.

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