ADVERTISEMENT

प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण से निवेश माहौल पर पड़ेगा बुरा असर : एसोचैम

निजी क्षेत्र में आरक्षण की किसी भी पहल से देश के निवेश माहौल पर बुरा असर पड़ेगा. राजनीतिक दलों को ऐसा कोई भी कदम उठाने से बचना चाहिये जिससे कि निवेशकों को 'गलत संकेत' जाये. उद्योग जगत की अग्रणी संस्था एसोचैम ने यह कहा है. एसोचैम ने कहा कि ऐसे समय में जब भारत की अर्थव्यवस्था सुधार की ओर बढ़ रही है, निजी क्षेत्र में आरक्षण को लेकर दिया गया कोई भी राजनीतिक बयान आर्थिक क्षेत्र में निवेश परिवेश के लिये बड़ा झटका हो सकता है.
NDTV Profit हिंदीBhasha
NDTV Profit हिंदी10:32 PM IST, 13 Nov 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

निजी क्षेत्र में आरक्षण की किसी भी पहल से देश के निवेश माहौल पर बुरा असर पड़ेगा. राजनीतिक दलों को ऐसा कोई भी कदम उठाने से बचना चाहिये जिससे कि निवेशकों को 'गलत संकेत' जाये. उद्योग जगत की अग्रणी संस्था एसोचैम ने यह कहा है. एसोचैम ने कहा कि ऐसे समय में जब भारत की अर्थव्यवस्था सुधार की ओर बढ़ रही है, निजी क्षेत्र में आरक्षण को लेकर दिया गया कोई भी राजनीतिक बयान आर्थिक क्षेत्र में निवेश परिवेश के लिये बड़ा झटका हो सकता है.

उद्योग मंडल ने हालांकि, इस दिशा में सकारात्मक पहल पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत ने जो छलांग लगाई है उससे मिलने वाले फायदे को उद्योग जगत गंवाने के पक्ष में नहीं है. एसोचैम ने कहा कि उद्योग पहले से ही नोटबंदी के अल्पकालिक प्रभाव के साथ माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चुनौतियों से जूझ रहा है. एसोचैम की यह टिप्पणी कुछ राजनेताओं के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने निजी क्षेत्र की नौकरियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के लिए आरक्षण की वकालत की है.

यह भी पढ़ें - निजी क्षेत्र में भी लागू हो आरक्षण, राष्ट्रीय स्तर पर हो बहस : नीतीश कुमार

हाल ही में लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने निजी क्षेत्र की कंपनियों में नौकरियों में आरक्षण की मांग की थी. इसी तरह की मांग कुछ और दलों के नेताओं की ओर से भी की गई. एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा कि राजनीतिक दलों को इसके बजाय ऐसा वातावरण बनाने पर ध्यान देना चाहिए जिसमें सार्वनजिक और निजी क्षेत्रों में लाखों नौकरियां सृजित की जा सकें.

यह भी पढ़ें - नीतीश कुमार पुराने रुख पर कायम, पाटीदारों को आरक्षण की मांग का किया समर्थन

उन्होंने राजनीतिक दलों से वैश्विक और घरेलू निवेशकों को गलत संकेत भेजने से बचने का आग्रह किया है. उन्होंने आगे कहा कि यदि देश की राजनीतिक अर्थव्यवस्था में यदि लोकलुभावन भावनाओं को हवा दी जाती है तो इसका वृद्धि परिवेश पर बुरा असर पड़ेगा.

VIDEO: MoJo: प्राइवेट सेक्टर में भी होना चाहिए आरक्षण : नीतीश कुमार



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV Profit हिंदी
लेखकBhasha
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT