लोकपाल नियमों के तहत सरकारी कर्मचारियों द्वारा अपनी संपत्तियों एवं देनदारियों की घोषणा से संबंधित फॉर्मेट विभिन्न विभागों की चिंताओं के बाद सरल किया जा सकता है।
लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित नियमावली के मुताबिक सभी लोकसेवक अपना, अपनी पत्नी एवं बच्चों की संपत्तियों एवं देनदारियों, वार्षिक रिटर्न की घोषणा करेंगे।
आधिकारिक सू़त्रों ने बताया कि लेकिन कई मंत्रालयों, विभागों एवं संबंधित पक्षों ने नियमों के तहत निर्धारित फॉर्म में वांछित ब्योरे देने से जुड़ी जटिलताओं को लेकर चिंता प्रकट की है। सूत्रों के मुताबिक उसके बाद इस मामले पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई गई थी।
समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपकर चल संपत्ति, ऋण एवं अन्य देनदारियों की घोषणा के लिए फॉर्मट सरल बनाने की सिफारिश की। सूत्रों के अनुसार सरकार कर्मचारियों द्वारा संपत्ति संबंधी ब्योरा देने के लिए संशोधित फॉर्म जारी कर सकती है।
मामले पर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अधिकारी विचार कर रहे हैं और यथाशीघ्र ही अंतिम फैसला किया जा सकता है, क्योंकि ऐसे ब्योरे देने की अंतिम तारीख समीप आ रही है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने सितंबर में लोकसेवक (संपत्ति एवं देनदारियों की सूचना एवं वार्षिक रिटर्न तथा उसमें छूट की सीमा बताना) संशोधन नियमावली, 2014 अधिसूचित की थी और यह सूचना देने की समय सीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी थी।
नियमों के अनुसार हर लोकसेवक अपनी, पत्नी एवं आश्रित परिवार की संपत्ति एवं देनदारियों की सूचनाएं हर साल 31 मार्च को या उस साल 31 जुलाई तक देंगे। वर्तमान वर्ष में ऐसी सूचनाएं देने की अंतिम समयसीमा बढ़ाकर 15 सितंबर की गई थी, जिसे फिर बढ़ाकर दिसंबर अंत कर दिया गया।
लोकपाल अधिनियम के तहत ऐसी घोषणा अन्य नियमों के तहत कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली संपत्ति एवं देनदारियों संबंधी घोषणाओं के अतिक्ति होगी। ए, बी और सी वर्गों के सभी कर्मचारियों से नए नियमों के तहत घोषणाएं करने की आशा की जाती है। इन श्रेणियों के करीब 22,95,374 कर्मचारी हैं।