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अरुण जेटली ने आलोचकों को खारिज किया, कहा- नोटबंदी का प्रतिकूल प्रभाव नहीं...

नोटबंदी के आलोचकों को खारिज करते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि बड़े मूल्य के पुराने नोटों को बंद करने प्रभाव उतना प्रतिकूल नहीं है, जैसा कहा जा रहा था. उन्होंने यह भी कहा कि कर संग्रह, रबी की बुवाई समेत विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियों में तीव्र वृद्धि हुई है.
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NDTV Profit हिंदी07:01 PM IST, 29 Dec 2016NDTV Profit हिंदी
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नोटबंदी के आलोचकों को खारिज करते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि बड़े मूल्य के पुराने नोटों को बंद करने प्रभाव उतना प्रतिकूल नहीं है, जैसा कहा जा रहा था. उन्होंने यह भी कहा कि कर संग्रह, रबी की बुवाई समेत विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियों में तीव्र वृद्धि हुई है.

पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बैंकों में जमा करने की 50 दिन की समयसीमा कल समाप्त होने से पहले उन्होंने कहा कि नए नोटों को चलन में डालने के काम में बहुत प्रगति हो चुकी है. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि नोटबंदी को लेकर कहीं कोई उपद्रव नहीं हुआ.

वित्त मंत्री ने जीडीपी वृद्धि पर असर या राजस्व संग्रह में वृद्धि के कारण उनके 2017-18 के बजट में कर प्रस्तावों पर संभावित प्रभाव के बारे में कुछ भी अनुमान जताने से मना कर दिया.

यह पूछे जाने पर कि नकद निकासी पर लगी सीमा कब हटेगी, उन्होंने कहा, 'इस बारे में निर्णय केंद्रीय बैंक विभिन्न पक्षों से परामर्श करके करेगा'

नोटबंदी से अर्थव्यवस्था तथा जीडीपी वृद्धि पर पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को लेकर आलोचकों की आशंका के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री जेटली ने कहा, 'मुझे लगता है कि इस बारे में चीजें साफ है कि एक तिमाही या कुछ थोड़े समय के लिए इसका कुछ विपरीत प्रभाव पड़ेगा, लेकिन इसका इतना प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा जैसा कि कहा जा रहा था'.

जेटली ने कहा, 'लेकिन दीर्घकाल में आपको अर्थव्यवस्था के लिए योजना बनानी होगी. प्रणाली में जो बदलाव आ रहे हैं, इसका निश्चित तौर पर मतलब है कि बैंकों के पास और धन होगा, राजस्व बढ़ेगा और संभवत: जीडीपी का आकार बड़ा और साफ होगा'. यह पूछे जाने पर कि राजस्व संग्रह में वृद्धि से आने वाले बजट में कराधान पर कोई प्रभाव पड़ेगा, उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि आपको उसके लिए इंतजार करना होगा'.

जब उनसे यह पूछा गया कि क्या सरकार नए नोटों को चलन में लाने की प्रक्रिया में मुद्रा की मात्रा कम करने के बारे में निर्णय करेगी, वित्त मंत्री ने कहा, 'इस बारे में रिजर्व बैंक को फैसला करना है और वे निश्चित तौर बाजार की जरूरतों से निर्देशित होंगे'. उन्होंने कहा, 'लेकिन जहां तक सरकार का संबंध है निश्चित तौर पर कागजी मुद्रा कम होनी चाहिए और व्यापार का बड़ा हिस्सा वैकल्पिक डिजिटल और चैक के जरिए होना चाहिए. डिजिटल माध्यमों का उपयोग करने वालों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऐसा लगता है कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं'.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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