देश की एक प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाता कम्पनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष अनिल अम्बानी ने मंगलवार को कहा कि कम्पनी अपने कर्ज कम करने के लिए निकट भविष्य में अपनी टेलीकॉम टावर इकाई में हिस्सेदारी बिक्री पर विचार करेगी। कम्पनी के ऊपर 6.5 अरब डॉलर का कर्ज है।
अनिल अम्बानी ने मुंबई में शेयरधारकों की बैठक में कहा कि कम्पनी अगले साल किसी समय सिंगापुर में अपनी समुद्री केबल कारोबार को सूचीबद्ध करने पर भी विचार करेगी। इससे कर्ज का स्तर काफी कम हो सकता है।
टेलीकॉम टावर इकाई के बारे में उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि 2013 में हम रिलायंस इंफ्राटेल के लिए मूल्य बढ़ाने वाली एक रणनीति पर भी काम पूरा कर लेंगे।"
घोषणा का बाजार पर अनुकूल असर देखा गया। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयर में लगभग 4.70 फीसदी का उछाल देखा गया और यह 50.15 रुपये पर बंद हुआ।
अम्बानी ने कहा कि कम्पनी ने तीसरी पीढ़ी के दूरसंचार कारोबार में काफी अधिक निवेश किया है और अगले 18 महीने में इसका लाभ मिलने लगेगा। उन्होंने कहा, "देश में वायरलेस के विकास का अगला चरण डाटा पर आधारित होगा।"
अम्बानी के मुताबिक कम्पनी का कुल कर्ज देश में सभी दूरसंचार कम्पनियों को दिए गए कुल कर्ज का लगभग 10 फीसदी है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य इस कर्ज को कम्पनी के कर पूर्व आय के तीन फीसदी तक सीमित करना है।
उन्होंने कहा, "हमने सिर्फ 3जी पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसके सिर्फ दो साल बीते हैं और हमारे 3जी स्पेक्ट्रम के लिए एक बड़ा कारोबार बनाने और उसका लाभ उठाने के लिए 18 साल और बचे हुए हैं।"