आर्थिक मंदी का असर अर्थव्यवस्था के अहम सेक्टरों पर पड़ना जारी है. सबसे ज्यादा असर अहम उद्योगों के उत्पादन पर पड़ रहा है. गुरुवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी ताज़ा आकड़ों के मुताबिक अप्रैल-सितंबर, 2019-20 में आठ कोर उद्योगों का संयुक्त सूचकांक सितंबर, 2019 में 120.6 अंक रहा, जो सितम्बर 2018 में दर्ज किए गए सूचकांक के मुकाबले 5.2 प्रतिशत कम है. आठ कोर उद्योगों में कोयला, बिजली, सीमेंट, उर्वरक, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस जैसे अहम सेक्टर शामिल हैं जिनका परफॉरमेंस अर्थव्यवस्था की सेहत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
सरकार के ताज़ा आकड़ों के मुताबिक इन 8 में से 7 कोर उद्योगों में इस साल सितम्बर में पिछले साल के सितम्बर के मुकाबले गिरावट दर्ज़ हुई है. सरकारी आकड़ों के मुताबिक सितम्बर, 2019 में कोयला उत्पादन सितम्बर, 2018 के मुकाबले 20.5 प्रतिशत घट गया.
सितम्बर, 2019 के दौरान कच्चे तेल का उत्पादन सितम्बर, 2018 की तुलना में 5.4 प्रतिशत गिर गया. जबकि इस दौरान प्राकृतिक गैस का उत्पादन 4.9 प्रतिशत गिर गया.
गिरावट पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में भी दर्ज़ की गयी है. सितम्बर, 2019 के मुकाबले सितम्बर, 2018 में ये 6.7 प्रतिशत गिर गया. सितम्बर, 2019 में इस्पात के उत्पादन में भी 0.3 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज़ की गयी है, जबकि इस दौरान सीमेंट के उत्पादन में 2.1 प्रतिशत कमी आयी. सितम्बर, 2018 के मुकाबले इस साल सितम्बर में बिजली का उत्पादन 3.7 प्रतिशत गिर गया.
कोर उद्योगों में बढ़ोतरी सिर्फ उर्वरक के उत्पादन में दर्ज़ की गयी है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी ताज़ा आकड़ों के मुताबिक सितम्बर, 2019 के दौरान देश में उर्वरक का उत्पादन सितम्बर 2018 के मुकाबले 5.4 प्रतिशत बढ़ गया. वर्ष 2019-20 की अप्रैल-सितम्बर अवधि के दौरान आठ कोर उद्योगों की संचयी उत्पादन वृद्धि दर 1.3 प्रतिशत रही.