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500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बैंकों में जमा करवाने का 30 दिसंबर आखिरी दिन, न भूलें ये जरूरी बातें...

500 रुपए और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बैंकों में जमा करवाने की समयसीमा आज यानी 30 दिसंबर को समाप्त हो रही है. हालांकि नकदी संकट तथा एटीएम के बाहर कतारों को समाप्त होने में अभी कुछ समय और लगेगा क्योंकि नए नोटों की प्रिटिंग मांग के मुकाबले काफी कम है.
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NDTV Profit हिंदी01:21 PM IST, 30 Dec 2016NDTV Profit हिंदी
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500 रुपए और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बैंकों में जमा करवाने की समयसीमा आज यानी 30 दिसंबर को समाप्त हो रही है. हालांकि नकदी संकट तथा एटीएम के बाहर कतारों को समाप्त होने में अभी कुछ समय और लगेगा क्योंकि नए नोटों की प्रिटिंग मांग के मुकाबले काफी कम है. पुराने नोट यदि अभी भी आपके पास रखे हुए हैं और किसी भी कारणवश उन्हें आप बैंक में जमा न करवा पाएं तो भी चिंता न करें क्योंकि 30 दिसंबर के बाद भी लोग पुराने नोटों को जमा नहीं करवा पाने की वैध वजह बताकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के काउंटरों से इन्हें 31 मार्च, 2017 तक बदल सकते हैं.

यहीं बताते चलें कि सरकार की तरफ से कई अहम ऐलान कल यानी 31 दिसंबर की शाम किए जाने हैं. माना जा रहा है कि अपने संबोधन में पीएम नोटबंदी की मियाद खत्म होने के बाद के रोडमैप को जनता के सामने रख सकते हैं. सरकार एक सीमा से अधिक 500 रुपए और 1000 रुपए के पुराने नोट रखने पर जुर्माना लगाने को अध्यादेश लाने की भी तैयारी कर रही है. पीएम मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी. हालांकि, बैंकों में स्थिति अब काफी सुधर गई है, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे एटीएम हैं जिनसे अभी भी पैसा नहीं निकल पा रहा है.

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नोटबंदी को लेकर कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला था. वहीं इस अवधि में रिजर्व बैंक ने एक के बाद एक नए सर्कुलर जारी किए जिससे असमंजस और बढ़ा. हालांकि सरकार ने नकदी निकासी की सीमा 24,000 रुपये सप्ताह तय की हुई है लेकिन नकदी की कमी की वजह से बैंक ग्राहकों को इससे कम नकदी उपलब्ध करा रहे थे. बैंकरों का मानना है कि बैंकों और एटीएम से नकदी निकासी पर अंकुश 30 दिसंबर के बाद भी जारी रहेगा.

नोटबंदी के बाद दिए पहले साक्षात्कार में मोदी कहा था कि 86 प्रतिशत मुद्रा को अमान्य घोषित करने का कदम राष्ट्र में मौजूद भ्रष्टाचार के सफाये के लिए उठाया गया. उन्होंने यह भी कहा था कि आतंकवादियों, नक्सलियों और मानव तस्करों के पास मौजूद धनराशि अब बेकार हो गई है. सरकार के इस फैसले से काला धन सामने आने पर मजबूर हो गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि एकत्रित राजस्व का इस्तेमाल गरीबों, दलितों और पिछड़ों के कल्याण के लिए किया जाएगा.

बता दें कि लोन की किश्‍तें चुकाने के लिए कुल 90 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है. नोटबंदी से प्रभावित लोगों को राहत देते हुए रिजर्व बैंक ने बुधवार को कृषि ऋण तथा एक करोड़ रुपये तक की सीमा के आवास, कार, कृषि और व्यावसायिक लोन लेने वालों को किश्‍तें चुकाने के लिए 60 दिन के ऊपर 30 दिन यानी कुल 90 दिन का अतिरिक्त समय देने की घोषणा की है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अधिसूचना में कहा गया है कि समीक्षा के बाद फैसला किया गया है कि 21 नवंबर को ऋण चुकाने के लिए जो 60 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया था, उसमें 30 दिन और अतिरिक्त दिए जाएं. ऐसे में कर्जदारों को उनके खाते को गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बनने से रोकने के लिए 90 दिन की राहत मिल गई है. यह व्यवस्था एक नवंबर से 31 दिसंबर, 2016 तक के कर्ज बकाए पर लागू होगी.

नोटबंदी की घोषणा के बाद से 60 लाख व्यक्तियों व कंपनियों ने अपेक्षाकृत बड़ी राशिओं की जमा के रूप में विशाल सात लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा करवाए हैं. वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने इस तरह की जमाएं करवाने वालों को आगाह करते हुए कहा है कि केवल बैंक में जमा करवा देने से ही कालाधन वैध नहीं हो जाएगा और कालेधन पर सरकार कर का एक-एक पैसा वसूलेगी.
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