2जी स्पेक्ट्रम आवंटन कांड में प्रमुख गवाह एके श्रीवास्तव की सोमवार को विशेष अदालत में गवाही होगी। श्रीवास्तव दूरसंचार विभाग के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी हैं। विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी की अदालत में सोमवार को दूरसंचार विभाग के पूर्व उप महानिदेशक एके श्रीवास्तव का बयान दर्ज होगा।
इस मामले में श्रीवास्तव की गवाही काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने सीबीआई को दिये बयान में कहा था कि तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा ने दूरसंचार विभाग की फाइल पर नोट लगया था कि 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस के लिए आवेदन स्वीकार करने की तिथि एक अक्तूबर 2007 होगी।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो के आरोप पत्र के अनुसार कुछ संचार कंपनियों को लाभ पहुंचाने की साजिश के तहत ए राजा ने दूरसंचार विभाग में दिये गए आवेदनों को 25 सितंबर तक ही स्वीकार करने का कथित रूप से निर्णय किया।
जांच ब्यूरो के अनुसार, राजा यूनीटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लि और स्वान टेलीकॉम को लाभ पहुंचाना चाहते थे और इसी प्रक्रिया में उन्होंने अपनी मर्जी से आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तारीख घटा दी थी। जांच ब्यूरो का दावा है कि इस प्रक्रिया के दौरान राजा ने दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, कानून मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय सहित विभिन्न विभागों को पूरी तरह नंजरअंदाज किया।
श्रीवास्तव की गवाही जांच ब्यूरो के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। श्रीवास्तव ने जांच के दौरान कहा था कि राजा के तत्कालीन निजी सचिव आरके चंदोलिया ने 24 सितंबर, 2007 को उनसे तब तक स्वीकार किये गए आवेदनों के बारे में पूछताछ भी की थी।
श्रीवास्तव के अनुसार जैसे ही उन्होंने बताया कि यूनीटेक समूह की कंपनियों के आवेदन 24 सितंबर को ही मिल गये हैं, तो चंदोलिया ने उन्हें निर्देश दिया कि अगले दिन से यूनीफाइड एक्सेस सर्विसेज लाइसेंस के लिए कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाये।
इस मामले में राजा और चंदोलिया के साथ ही द्रमुक सांसद कनिमोई, पूर्व संचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, स्वान टेलीकाम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका तथा यूनीटेक लि के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा सहित कई अभियुक्त हैं। इनमें रिलायंस एडीएजी के वरिष्ठ अधिकारी गौतम दोषी, हरि नायर और सुरेन्द्र पिपारा, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्रा लि के निदेशक आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, फिल्म निर्माता करीम मोरानी और कलैंगनार टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार भी शामिल हैं।
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में इन 14 अभियुक्तों के अलावा तीन टेलीकाम कंपनियां स्वान टेलीकाम प्रा लि, रिलायंस टेलीकाम लि और यूनीटेक वायरलेस (तमिलनाडु) भी आरोपी हैं।