प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में करदाता इकाइयों पर नियंत्रण के अधिकार के मुद्दे पर केंद्र और राज्यों के बीच रविवार को कोई चर्चा नहीं होने के कारण अब इस नई कर प्रणाली के अगले साल 1 अप्रैल से लागू किए जाने की संभावना एक तरह से मुश्किल दिख रही है.
जीएसटी परिषद की छठी बैठक में जीएसटी करदाताओं पर दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर फैसला किया जाना था, लेकिन दो दिन की यह बैठक रविवार को एक दिन में ही खत्म कर दी गई और इसमें नियंत्रण पर अधिकार के मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी.
रविवार का दिन प्रस्तावित जीएसटी विधेयकों के अनुच्छेदवार चर्चा में निकल गया. जीएसटी परिषद की आगामी बैठक अब 22-23 दिसंबर को होगी. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हालांकि नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को 1 अप्रैल, 2017 से लागू करने के लक्ष्य के बारे में साफ-साफ कुछ नहीं कहा, लेकिन केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों के प्रतिनिधियों ने कहा कि अब यह समयसीमा संभव नहीं दिखती. अब जीएसटी को सितंबर, 2017 से लागू किए जाने की संभावना है.
जेटली ने कहा, 'विधेयक के मसौदे में लगभग 195 अनुच्छेद हैं, इसलिए यह पूरे कानून का केंद्रीय विधेयक है. हमने 99 अनुच्छेदों पर चर्चा की और अभी कुछेक धाराओं को फिर से लिखने की जरूरत है. आने वाले दिनों में इसमें संशोधन कर लेंगे. उम्मीद है कि अगली बैठक में विधेयक से संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाएगी.'
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