शायद 'दादागिरी' समझ नहीं पाए विराट कोहली

Virat Kohli Innings : एक समय हर 4 में से 1 मैच में शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ के साथ बीसीसीआई का ऐसा बर्ताव बिल्कुल ग़लत है. विराट कोहली में अब भी बहुत क्रिकेट बाक़ी है...

शायद 'दादागिरी' समझ नहीं पाए विराट कोहली

VIRAT KOHLI Carrer : विराट कोहली की टेस्ट कप्तानी बेहद सफल रही

बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली के बारे में दो बातें अहम हैं, लेकिन लोग अक्सर नज़रअंदाज़ करने की भूल कर जाते हैं. शायद आपको याद हो न हो, गांगुली ने टेस्ट में 32 और वनडे में 100 विकेट लिए थे. अक्सर बल्लेबाज़ उन्हें साधारण गेंदबाज़ समझ कर चकमा खा जाते थे. दूसरी बात, वो कभी विरोधियों को बख़्शते नहीं. साल 2002 में मुंबई में एक वनडे मैच में भारत को हराने के बाद इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्र्यू फ़्लिनटॉफ़ ने शर्ट उतार कर जश्न मनाया था. उसी साल लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान की बालकनी से सौरव गांगुली ने शर्ट लहरा कर बदला चुका लिया. आगे की कहानी से इन दो बातों का संबंध है या नहीं ये आपको तय करना है.

आख़िरकार विराट कोहली को टेस्ट टीम की भी कप्तानी छोड़नी पड़ी. पिछले 6 महीनों से उनके लिए जो हालात बना दिए गए थे, उसके बाद हमारे दौर के सबसे कामयाब बल्लेबाज़ों में शामिल 33 साल के कोहली के लिए बने रहना मुश्किल था. कोहली ग्रेम स्मिथ, रिकी पॉन्टिंग और स्टीव स्मिथ के बाद दुनिया के चौथे सबसे कामयाब कप्तान रहे हैं और सबसे बड़ी बात कप्तान बनने के बाद उनकी बल्लेबाज़ी में निखार आता चला गया. उनकी कप्तानी में भारत ने 68 में से 40 टेस्ट जीते और सिर्फ 17 में हार का सामना करना पड़ा. जीत का प्रतिशत रहा 58.82. अभी 2019 में ही आईसीसी ने उन्हें सबसे प्रभावी बल्लेबाज़ के तौर पर दो सबसे बड़े सम्मान से नवाज़ा था. दशक के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर के लिए सर गारफ़ील्ड ट्रॉफ़ी प्रदान की गई और साथ ही दशक के सर्वश्रेष्ठ वनडे क्रिकेटर भी चुना गया. 

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दो साल पहले तक क्रिकेट की दुनिया पर राज कर रहे बल्लेबाज़ और कप्तान को मानों ग्रहण लग गया है और बुरा वक्त आते ही विरोधी हावी होते चले गए. तीन महीने पहले तक वनडे और टेस्ट टीम की बागडोर संभालने की मंशा जता चुके विराट कोहली ने ख़ुशी से तो कप्तानी नहीं छोड़ी है. बीसीसीआई के अधिकारियों और चयनकर्ताओं ने उन्हें इसके लिए मजबूर किया. इसके लिए विराट कोहली-रवि शास्त्री की जोड़ी के अहम को भी कुछ हद तक ज़िम्मेवार माना जा सकता है. 
विराट कोहली को हटाने की कहानी शुरू होती है, पिछले साल भारत के इंग्लैंड दौरे के बाद और आईपीएल के ठीक पहले. रवि शास्त्री T20 वर्ल्ड कप के बाद कोच पद से हटने का ऐलान कर चुके थे.

इंग्लैंड दौरे पर शृंखला में सबसे ज़्यादा 368 रन रोहित शर्मा ने बनाए. वहीं रवि चंद्रन अश्विन को एक भी टेस्ट में मौक़ा नहीं दिया गया. विराट कोहली के 71 वें अंतर्राष्ट्रीय शतक का इंतज़ार लंबा होता गया. उन्होने आख़िरी टेस्ट शतक नवंबर 2019 बांग्लादेश के ख़िलाफ़ कोलकाता में बनाया था और वनडे में अंतिम शतक अगस्त 2019 में पोर्ट ऑफ़ स्पेन में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ बनाया था- नाबाद 114 रन.

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विराट के लिए रवि शास्त्री का साथ छूटना और सौरव गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष बनना मुश्किल वक़्त की आहट थी. इस बीच टीम के कुछ वरिष्ठ खिलाड़ी बीसीसीआई से कोहली-शास्त्री के रवैये को लेकर शिकायत कर चुके थे. शिकायत करने वालों में टेस्ट उपकप्तान अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा का नाम सामने आया. मामला गर्म होता जा रहा था. विरोधी खेमे ने पहली चोट कर दी. मीडिया में बात फ़ैलाई गई कि विराट सीमित ओवर्स क्रिकेट की कप्तानी छोड़ने का मन बना रहे हैं. T20 वर्ल्ड के बाद विराट रोहित शर्मा को कप्तानी की बागडोर सौंप देंगे ताकि वो बल्लेबाज़ी पर फ़ोकस कर सकें. दबाव इतना बढ़ा कि कोहली ने T20 वर्ल्ड कप के बाद कप्तानी छोड़ने का एलान तो कर ही दिया साथ ही आईपीएल में बेंगलोर टीम की कप्तानी भी छोड़ दी. विराट कोहली की कप्तानी में भारत ICC का कोई ख़िताब जीत नहीं पाया और न ही वे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को कभी चैंपियन बना पाए. 

बहरहाल क्रिकेट के सबसे छोटे फॉरमैट की कप्तानी छोड़ने के बाद विराट कोहली को लगा होगा कि शायद मामला सुलट गया. विराट कोहली शायद भांप नहीं पाए कि विरोधियों का मिशन अभी पूरा नहीं हुआ था. सौरव गांगुली के साथ मिलने से उनके हौसले और बढ़ गए. दक्षिण अफ़्रीका दौरे के लिए टेस्ट टीम का एलान हुआ. वनडे टीम की घोषणा नहीं की गई लेकिन कप्तान के तौर पर रोहित शर्मा का नाम घोषित कर दिया गया. बीसीसीआई ने विराट कोहली को ट्विटर पर ही बर्खास्त कर दिया. बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बयान भी दे दिया कि वनडे की कप्तानी छीनने के पहले कोहली से उन्होंने खुद बात की थी और चयनकर्ताओं ने भी विराट कोहली से रज़ामंदी ले ली थी.

लेकिन दक्षिण दौरे के पर रवाना होने के पहले पहले आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने बम फ़ोड़ दिया. कोहली ने सौरव गांगुली की बातों को एक तरह से झुठला दिया. कोहली ने कहा कि वनडे टीम से कप्तान पद से हटाए जाने के पहले उनसे कोई बातचीत नहीं की गई और टेस्ट टीम के चयन के लिए डेढ़ घंटे चली बैठक के आख़िर में उन्हें बताया गया कि वे वनडे के कप्तान नहीं हैं.

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बहरहाल, सौरव गांगुली ने पलटवार नहीं किया और सिर्फ़ इतना ही कहा कि बीसीसीआई मामले को निपटाएगी. पहला टेस्ट सेंचुरियन में खेला जाता है. कोहली पहली पारी में 35 और दूसरी में 18 रन बना पाते हैं. केएल राहुल के शतक और मोहम्मद शमी के 8 विकेट भारत ने सेंचुरियन का अभेद क़िला फ़तह कर लिया. किसी भी टीम के लिए बॉक्सिंग डे टेस्ट जीतना नए साल का सबसे बड़ा जश्न होता है. टीम नए साल की तैयारी में थी.

मगर नए साल की पूर्व संध्या पर बीसीसीआई ने खेल कर दिया. 31 दिसंबर की शाम को मीडिया को ख़बर की जाती है कि अगले कुछ घंटों में वनडे की टीम का एलान होगा और मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा प्रेस से भी बात करेंगे. चेतन शर्मा की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में लगा कि शब्द ज़ुबान ज़रूर चेतन शर्मा की है, लेकिन शब्द सौरव गांगुली के थे और निशाने पर थे विराट कोहली. चेतन शर्मा ने मिसाइल दागा कि विराट को वनडे टीम के चयन के लिए पहले ही बता दिया गया था. बल्कि उनसे T20 की कप्तानी भी नहीं छोड़ने की गुज़ारिश की गई थी. जबकि विराट कोहली ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा से ठीक इससे उलट बात कही थी

ज़ाहिर है नए साल की पूर्व संध्या पर बीसीसीआई के अकस्मात प्रेस कान्फ्रेंस से जोहानिसबर्ग में मौजूद टीम इंडिया और ख़ासकर कप्तान विराट कोहली की पार्टी ख़राब हो गई होगी. अगला टेस्ट जोहानिसबर्ग में था. मैच के 10 मिनट पहले कोहली का अनफ़िट होना समझ नहीं आया. बहरहाल केपटाउन में वे खेले. मगर भारत टेस्ट और सीरीज़ हार गया.

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हार ने विराट कोहली के बचे-खुचे हौसले को तोड़ दिया. केपटाउन में डीआरएस को लेकर हंगामा मचाना भी कई दिग्गज़ों को रास नहीं आया. पिछले साल रोहित शर्मा सबसे कामयाब भारतीय टेस्ट बल्लेबाज़ रहे तो अश्विन दुनिया के सबसे सफल बॉलर. वहीं सचिन तेंदुलकर जैसी तकनीक, वर्ल्ड क्लास फ़िटनेस और अति महात्वाकांक्षी विराट कोहली 2019 से संघर्ष कर रहे हैं. सबसे चिंता की बात है कि वो 2014 में इंग्लैंड दौर पर की गई ग़लतियों को बार-बार दोहरा रहे हैं. ऑफ़ स्टंप से बाहर... बहुत बाहर गेंद को छेड़ कर विकेट गंवा रहे हैं. ऐसा लगता है कि दुनिया के सभी गेंदबाज़ उनको आउट करने का रहस्य जान गए हैं या यों कहिए विराट अपना ग़लतियों से विकेट गंवा रहे हैं. 

ज़ाहिर है ख़ुद के प्रदर्शन के साथ-साथ कोहली विरोधियों से घिरते चले गए. जब आपके बोर्ड का अध्यक्ष और चयनकर्ता आपके ख़िलाफ़ हो तो आप कब तक क़िला थाम कर रख सकते हैं. मगर एक समय हर 4 में से 1 मैच में शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ के साथ बीसीसीआई का ऐसा बर्ताव बिल्कुल ग़लत है. विराट कोहली में अब भी बहुत क्रिकेट बाक़ी है...

संजय किशोर NDTV इंडिया के खेल एडिटर हैं...

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