तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव (फाइल फोटो)
- सुशील मोदी ने उठाया सवाल, ये कैसी सरकार चल रही है?
- इससे पहले प्रकाश पर्व के मौके पर भी ऐसे ही मामले ने तूल पकड़ा था
- जेडीयू नेता श्याम रजक ने कहा, मामले में आयोजक ही जवाब दे सकते हैं
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पटना:
बिहार में अजीबोगरी स्थिति हो गई है. यहां सरकारी कार्यक्रम का बहिष्कार खुद नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के सहयोगी करने लगे हैं. यह घटना है बिहार दिवस की जहां उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव दोनों अलग रहे. बिहार दिवस के अवसर पटना के गांधी मैदान में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के मंत्री मौजूद थे. लेकिन एक बार फिर लालू यादव के दोनों बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी यादव ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया. ये दोनों भाई पिछले साल भी निमंत्रण कार्ड में नाम ना होने पर नहीं आए थे और थे. जब उनसे पूछा गया कि आखिर आप कार्यक्रम में शामिल क्यों नहीं हुए तो इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि इसके पीछे कोई कारण नहीं है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप या ने कहा, 'हम तो बिहार ही में थे, बिहार दिवस मना रहे थे घर में बैठकर.' हालांकि इस आयोजन के लिए जिम्मेदार शिक्षा विभाग का कहना है कि उप मुख्यमंत्री का नाम कार्ड पर हो इसकी कोई परंपरा नहीं रही है. वहीं विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया.
विपक्ष के नेता सुशील मोदी ने कहा, 'कहीं उप मुख्यमंत्री का नहीं था. बिहार दिवस के आमंत्रण में कहीं उप मुख्यमंत्री का नाम और फोटो होता था. यही कारण है कि उपमुख्यमंत्री ने बहिष्कार कर दिया. कैसी सरकार चल रही है.'
बिहार दिवस समारोह के निमंत्रण-पत्र पर उपमुख्यमंत्री का नाम नहीं होने पर राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने गुरुवार को कहा कि ऐसे सरकारी समारोहों में उपमुख्यमंत्री का नाम नहीं होना बड़ी चूक है. उन्होंने शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी से इस चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ तत्काल कारवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि राजद ऐसी चूक पर चुप नहीं बैठेगा. तीन दिनों तक चलने वाले इस समारोह का उद्घाटन बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया.
सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने संवाददाताओं से कहा कि उपमुख्यमंत्री का बिहार दिवस समारोह के निमंत्रण-पत्र पर नाम नहीं होने का जवाब आयोजक ही दे सकते हैं. उन्हें इस बारे में बताना चाहिए. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा, "महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है. अलग-अलग खिचड़ी पक रही है, पकने दीजिए."
बिहार में बुधवार से शुक्रवार तक तीन दिनों तक बिहार दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. उद्घाटन समारोह के लिए सरकार की ओर से निमंत्रण-पत्र छपवाए गए, जिनमें बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद का नाम नहीं था. माना जा रहा है कि इसी वजह से लालू परिवार ने कार्यक्रम से दूरी बना रखी है. इससे पहले प्रकाश पर्व के मौके पर भी पटना में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के दौरान मंच पर लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद को जगह नहीं दी गई थी, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा था.
तेज प्रताप यादव किसी कार्यक्रम में ना जाएं ये चर्चा का विषय नहीं होता लेकिन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव किसी सरकारी कार्यक्रम का बहिष्कार करें उसका सीधा अर्थ यही होता है कि राजद सुप्रीमो लालू यादव आयोजक विभाग से ज्यादा नीतीश कुमार से खफा चल रहे हैं. और बिहार की सत्ता पर काबिज महागठबंधन मजाक का विषय बनता रहा है.
(इनपुट आईएएनएस से...)
विपक्ष के नेता सुशील मोदी ने कहा, 'कहीं उप मुख्यमंत्री का नहीं था. बिहार दिवस के आमंत्रण में कहीं उप मुख्यमंत्री का नाम और फोटो होता था. यही कारण है कि उपमुख्यमंत्री ने बहिष्कार कर दिया. कैसी सरकार चल रही है.'
बिहार दिवस समारोह के निमंत्रण-पत्र पर उपमुख्यमंत्री का नाम नहीं होने पर राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने गुरुवार को कहा कि ऐसे सरकारी समारोहों में उपमुख्यमंत्री का नाम नहीं होना बड़ी चूक है. उन्होंने शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी से इस चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ तत्काल कारवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि राजद ऐसी चूक पर चुप नहीं बैठेगा. तीन दिनों तक चलने वाले इस समारोह का उद्घाटन बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया.
सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने संवाददाताओं से कहा कि उपमुख्यमंत्री का बिहार दिवस समारोह के निमंत्रण-पत्र पर नाम नहीं होने का जवाब आयोजक ही दे सकते हैं. उन्हें इस बारे में बताना चाहिए. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा, "महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है. अलग-अलग खिचड़ी पक रही है, पकने दीजिए."
बिहार में बुधवार से शुक्रवार तक तीन दिनों तक बिहार दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. उद्घाटन समारोह के लिए सरकार की ओर से निमंत्रण-पत्र छपवाए गए, जिनमें बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद का नाम नहीं था. माना जा रहा है कि इसी वजह से लालू परिवार ने कार्यक्रम से दूरी बना रखी है. इससे पहले प्रकाश पर्व के मौके पर भी पटना में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के दौरान मंच पर लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद को जगह नहीं दी गई थी, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा था.
तेज प्रताप यादव किसी कार्यक्रम में ना जाएं ये चर्चा का विषय नहीं होता लेकिन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव किसी सरकारी कार्यक्रम का बहिष्कार करें उसका सीधा अर्थ यही होता है कि राजद सुप्रीमो लालू यादव आयोजक विभाग से ज्यादा नीतीश कुमार से खफा चल रहे हैं. और बिहार की सत्ता पर काबिज महागठबंधन मजाक का विषय बनता रहा है.
(इनपुट आईएएनएस से...)
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