बिहार के किऊल स्टेशन पर शुक्रवार की शाम खाने के लिए प्रवासी मजदूरों के बीच अफरातफरी मच गई. यहां भोजन का पैकेट एक बोरे में स्टेशन पर रख दिए गए थे, जिस पर प्रवासी मजदूर भोजन पाने के लिए टूट पड़े. इस दौरान एक मजदूर-दूसरे पर गिरते-पड़ते दिखे.
दरअसल, किऊल में ही कैंटीन की व्यवस्था की गई है. यहां से गुजरने वाले ट्रेनों के प्रवासी मजदूरों को भोजन इसी स्टेशन पर उपलब्ध कराया जाना था. वहीं वितरण के दौरान यहां काफी अव्यवस्था मिली. मजदूरों के बीच एक-एक पैकेट वितरण करने के बजाय, पूरे बोरे को ही प्लेटफॉर्म पर रख दिया गया. इस दौरान मजदूर भोजन पाने के लिए टूट पड़े. किसी के हाथ पांच-दस पैकेट लगे, तो कोई खाली हाथ ही रह गया. पहली बार यह स्थिति देखकर भी रेलवे के कर्मी सतर्क नहीं हुए. पुन: इसी तरह से मजदूरों के लिए प्लेटफॉर्म पर ही 50 से 60 पैकेट एक साथ रख दिए गए. दोनों बार ऐसी ही स्थिति बनी.
मिर्गी पेशेंट को देख हड़कंप मचा
स्टेशन पर मिर्गी पेशेंट को देखकर कुछ समय के लिए प्रवासी मजदूरों व रेलवे स्टेशन पर तैनात अधिकारियों व कर्मियों में हड़कंप मच गया. इस पेशेंट को शेखपुरा में ही मिर्गी का दौरा पड़ा. इस वजह से लोग उसे कोरोना मरीज मानकर तुरंत डॉक्टर को बुलाने के लिए इधर-उधर संपर्क करने लगे. किऊल स्टेशन पर डॉक्टर उपलब्ध कराया गया. हालांकि इस बीच परिजनों ने चिकित्सकों को बताया कि यह मिर्गी का पेशेंट है. इसके बाद उन्हें दवा उपलब्ध कराई गई. पेशेंट व उनका परिवार भागलपुर जा रहा था. वहां से उन्हें सीवान जाना है.
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