विज्ञापन

अनंत सिंह की गिरफ्तारी का क्‍या होगा असर, मोकामा सीट पर कमजोर होगा एनडीए?

30 अक्टूबर को मोकामा के तारतार गांव में जन सुराज पार्टी और जेडीयू समर्थकों के बीच चुनाव प्रचार के दौरान हिंसक झड़प हुई, जिसमें जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव जो की पूर्व आरजेडी नेता थे उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस झड़प में कई और लोग घायल भी हुए, जिसका वीडियो भी सामने आया है.

अनंत सिंह की गिरफ्तारी का क्‍या होगा असर, मोकामा सीट पर कमजोर होगा एनडीए?
अनंत सिंह की गिरफ्तारी से क्या मोकामा सीट पर कमजोर होगा एनडीए...
  • मोकामा सीट से जेडीयू के प्रत्याशी अनंत सिंह को दुलारचंद यादव की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है
  • चुनाव आयोग ने मामले की गंभीरता देखते हुए कई अधिकारियों का तबादला कर दिया और कड़ी कार्रवाई की है
  • हत्या के पीछे मोकामा के बाहुबली सूरजभान सिंह पर साजिश रचने का आरोप लगाया जा रहा है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
पटना:

मोकामा विधानसभा सीट से जेडीयू के प्रत्याशी अनंत सिंह को पुलिस ने शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया. उन पर कई गंभीर धाराएं लगाई गईं. चुनाव आयोग ने तुरंत मामले की गंभीरता को देखते हुए एक्शन लिया और कई अफसरों का तबादला भी कर दिया. मामला है, जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या. अनंत सिंह की गिरफ्तारी बिहार विधानसभा चुनाव में ख़ास कर मोकामा विधानसभा क्षेत्र में महत्वपूर्ण असर डाल सकती है, जहां वे जेडीयू के प्रत्याशी के रूप में मैदान में है. यह घटना चुनाव से ठीक कुछ दिनों पहले हुई है, जब मोकामा सीट पर 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है. 

30 अक्टूबर को मोकामा के तारतार गांव में जन सुराज पार्टी और जेडीयू समर्थकों के बीच चुनाव प्रचार के दौरान हिंसक झड़प हुई, जिसमें जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव जो की पूर्व आरजेडी नेता थे उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस झड़प में कई और लोग घायल भी हुए, जिसका वीडियो भी सामने आया है. बीती रात पटना पुलिस ने अनंत सिंह को उनके बाढ़ स्थित घर से गिरफ्तार कर किया, क्योंकि अनंत सिंह हत्या के मामले में सीधे आरोपी बनाये गए हैं. इसलिए तत्काल प्रभाव से गिरफ्तारी हुई. प्रत्यक्षदर्शियों के बयान, सबूत और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तारी हुई हैं. साथ ही उनके दो सहयोगी भी पकड़े गए.

खुद पर लगे आरोपों पर क्या बोले थे अनंत सिंह?

अनंत सिंह ने खुद पर लगे आरोपों पर कहा था कि हम लोग टोल पर वोट मांग रहे थे. फिर हमने देखा कि 7 गाड़ियां खड़ी हैं. मुझे लगा कि कोई वोट मांग रहा है. इसके बाद मुर्दाबाद की नारेबाजी शुरू हो गई, फिर करीब 30 गाड़ियां आगे बढ़ गईं. 10 गाड़ियां पीछे रह गईं. उन गाड़ियों पर पथराव शुरू हो गया. सड़क पर ईंट-पत्थर, रोड़े रखे गए थे, ऐसा लग रहा है कि पूरी तैयारी की गई थी. ये सारा खेल सूरजभान का है. दुलारचंद को उसने अपने यहां रखा था, वो उसी के साथ रहता था.

कौन हैं सूरजभान सिंह जिन पर लग रहा साजिश रचने का आरोप

सूरजभान सिंह जिन्हें अक्सर “दादा” के नाम से भी जाना जाता है, बिहार के पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र के एक प्रमुख बाहुबली नेता हैं. वे भूमिहार समुदाय से हैं और लंबे समय से अपराध की दुनिया से जुड़े रहने के बाद राजनीति में सक्रिय हैं. उनकी पत्नी वीणा देवी आरजेडी से मोकामा सीट पर 2025 बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं, जबकि सूरजभान खुद चुनावी राजनीति से थोड़ा पीछे रहकर पर्दे के पीछे भूमिका निभाते हैं.

घटना के बाद विपक्ष की प्रतिक्रिया

जन सुराज पार्टी के मोकामा प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है, लेकिन अगर वे पहले कार्रवाई करते तो अच्छा होता. आज वह 50 वाहनों के काफिले में घूम रहे थे और चुनाव प्रचार में भी शामिल हुए. जब उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी, तो उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए था. लेकिन देर आए दुरुस्त आए. अब महत्वपूर्ण यह है कि पुलिस पूरे मामले की जांच कैसे करती है. यह उनके परिवार के लिए राहत की बात है." पीयूष प्रियदर्शी वही नेता हैं, जिनके लिए दुलारचंद यादव प्रचार कर रहे थे.
तेजस्वी यादव ने हिंसा की निंदा की और नीतीश कुमार सरकार पर कानून-व्यवस्था बिगड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य की खराब लॉ एंड ऑर्डर को उजागर करती है.

चुनाव आयोग का एक्शन

दुलारचंद की हत्‍या के बाद मोकामा के रिटर्निंग ऑफिसर, पटना ग्रामीण एसपी समेत कई अधिकारियों का तबादला कर दिया गया. यह मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन पर कार्रवाई है.

इस पूरी घटना का बिहार के पहले चरण के चुनाव पर क्या असर होगा? 

मोकामा सीट पर असर : अनंत सिंह भूमिहार समुदाय से हैं, उनका क्षेत्र में और भूमिहार समुदाय में मजबूत पकड़ है और वो एक लाख वोटों से जीत का दावा कर रहे थे. इस गिरफ्तारी से जेडीयू के लिए मिलना में थोड़ी मुसीबत जरूर बढ़ सकती है. अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी जो पहले विधायक भी रह चुकी हैं. अब मुख्य भूमिका निभा सकती हैं. दूसरी तरफ़ अनत सिंह की गिरफ्तारी भूमिहार वोटों को एकजुट कर सकता है. सहानुभूति के कारण, मोकामा में ये चुनाव जातिगत राजनीति भूमिहार बनाम यादव को और गहरा करेगा. एकतरफ भूमिहारों का अनंत सिंह के पक्ष में लामबंदी होने का अनुमान है, तो दूसरी तरफ़ यादवों का पीयूष प्रियदर्शनी के तरफ़. 

पूरे बिहार चुनाव पर असर : यह बिहार का पहला चुनावी हिंसा से जुड़ा हत्याकांड मामला है, जो एनडीए (जेडीयू-बीजेपी) पर दबाव बढ़ा सकता है, क्योंकि एनडीए विकास और क़ानून व्यस्त को चुनाव में जोड़ शोर के साथ भुना रहा है. वहीं, इस घटना के बाद  विपक्ष कानून-व्यवस्था को मुद्दा बना सकता है. खासकर तेजस्वी यादव जो इसे नीतीश सरकार की नाकामी बताएंगे. हालांकि, पूरे बिहार में इसका असर सीमित रह सकता है, क्योंकि अनंत सिंह की लोकप्रियता मुख्य रूप से स्थानीय है लेकिन जेडीयू को नुकसान ज्यादा हो सकता है. 

कुल मिलाकर, इस हत्‍याकांड ने मोकामा को 'हॉट सीट' बना दिया है. अब इस सीट पर जीत एनडीए के लिए चुनौतीपूर्ण ज़रूर होगी. बीजेपी जहां लगातार जंगल राज का हवाला देते हुए आरजेडी को घेर रही है, अपने हर चुनाव में जंगल राज की याद जनता को दिला रही है और एनडीए की सरकार में मजबूत कानून व्यवस्था का हवाला देते जोड़ शोर से प्रचार प्रसार कर रही है, उस पर थोड़ा बहुत असर पड़ सकता है. लेकिन इससे पूरे चुनाव परिणाम पर कोई बड़ा असर होगा ये नहीं लगता. चुनाव आयोग की कार्रवाई, अनंत सिंह की गिरफ्तारी मामले को कमजोर कर सकती है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com