कांग्रेस के सामने इस समय बहुत बड़ा संकट मौजूद है - राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी का स्थान कौन लेगा - सो, उसके पास अपनी गिनी-चुनी सरकारों में से एक के गिर जाने के बारे में गंभीरता से सोचने का वक्त तक नहीं है. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व का कर्नाटक इकाई को भेजा गया संदेश है - हमें परवाह नहीं, अगर आपकी सरकार गिर जाती है, क्योंकि जब तक हम शीर्षहीन हैं, हम राहुल गांधी की टाल-मटोल की नीति का ही पालन करते रहेंगे.