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मनोरंजन भारती

पिछले ढाई दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय मनोरंजन भारती अपनी राजनीतिक पैठ और अपने राजनैतिक विश्लेषणों के लिए जाने जाते हैं। वे एनडीटीवी के सबसे भरोसेमंद और अनुभवी चेहरों में हैं जिन्होंने कई लोकसभा और विधानसभा चुनाव कवर किए हैं, देश के तमाम बड़े नेताओं के इंटरव्यू लिए हैं और अलग-अलग अवसरों पर कई महत्वपूर्ण राजनीतिक ख़बरें ब्रेक की हैं।

  • राफेल को यदि छोड़ भी दें तो कई ऐसे मुद्दें हैं जो इस सरकार के लिए काफी अहम हैं इसमें कुछ मुद्दे तो आम जनता से जुड़े हैं तो कुछ खास लोगों से..लेकिन बीजेपी के तमाम नेताओं को यह शायद दिख नहीं रहा है या वे देखना नहीं चाहते.
  • राफेल मामले पर बयानबाजी एकदम निचले स्तर पर पहुंचती जा रही है. राफेल मामले पर राहुल गांधी ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान के बाद कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने हमारे पीएम को चोर कहा है..फिर क्या था सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री का मजाक बनाया जाने लगा..सोशल मीडिया पर मेरा पीएम चोर है जैसे जुमलों की बाढ़ आ गई ..वहां पर जैसे मानो कि चोर-चोर का शोर होने लगा...
  • राफेल का मामला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. रोज कुछ न कुछ ऐसे बयान आ जाते हैं जो मामले को दबने ही नहीं देते..सबसे ताजा बयान फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलंद का है..जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत सरकार ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप को पार्टनर के तौर पर नाम सुझाया था जिसके बाद फ्रांस की कंपनी डेसाल्ट के पास कोई विकल्प नहीं बचा था..यह एक ऐसा बयान है जो भारत में कांग्रेस के लिए एक संजीवनी से कम नहीं है.
  • गोवा में बीजेपी के लिए अजीब हालात पैदा हो गए हैं. मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर खुद बीमार हैं और दिल्ली में एम्स में भर्ती हैं जहां उनके पेनक्रियाज का इलाज किया जा रहा है. पर्रिकर के अलावा बीजेपी के दो और मंत्री काफी बीमार हैं. पाडुरंग मडगईकर और फ्रांसिस डिसूजा की हालत भी ठीक नहीं है.
  • गोवा में राजनैतिक संकट गहराता जा रहा है... संकट इस बार संवैधानिक बन सकता है, जैसा कि कांग्रेस कह रही है... गोवा के हालात एकदम अलग हैं... वहां BJP की सरकार है, जिसके पास 14 विधायक हैं और वह 40 सदस्यों की विधानसभा में सबसे बड़ा दल नहीं है... सबसे बड़ा दल कांग्रेस है, जिसके पास 16 विधायक हैं... मगर गोवा में सरकार BJP की है, जिसे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, यानी MGP के 3, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, यानी GFP के 3 और 3 निर्दलीय विधायकों का सर्मथन मिला हुआ है... इन सभी पार्टियों ने साफ कह रखा है कि उन्होंने BJP को नहीं, बल्कि मनोहर पर्रिकर को समर्थन दिया है...
  • मौजूदा हफ्ता राजनैतिक पत्रकारों के लिए लॉटरी से कम नहीं रहा... पहले लगातार पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें सुर्खियों में रहीं. तेल की कीमत आसमान छू रही है ..जनता परेशान है, सरकार से उम्मीद बांधे है कि शायद सरकार ही कुछ रहम कर दे. मगर केन्द्र सरकार ने जरा भी राहत देने से मना कर दिया.
  • साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अभी वक्त है, मगर बिहार में राजनैतिक उठापटक चालू है. मगर अगले लोकसभा चुनाव के लिए जो फॉर्मूला दिया जा रहा है उसमें बीजेपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि बीजेपी के पास 22 सांसद हैं. जेडीयू 12 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जिसके पास 2 सांसद हैं.
  • स्वप्ना बर्मन पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी की रहने वाली ..पिता आटो चलाते थे फिर 2003 में दिल की बीमारी की वजह से बिस्तर पकड़ लिया..मां चाय बगान में काम करती हैं.
  • यह जानना चाहते हैं कि क्या ये पांच लोग सचमुच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की साज़िश रच रहे थे, या ये गिरफ्तारियां चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं.
  • दो खेल ऐसे हैं जिनमें काफी प्रगति हुई है वह है शूटिंग और बैडमिंटन. मगर अब एथलेटिक्स ने लोगों को यह उम्‍मीद दी है कि आने वाला समय एथलीटों का होने वाला है. खासकर दुती चंद, हेमा दास और नीरज चोपड़ा, मंजीत सिंह, जिन्‍सन जॉनसन जैसे लोगों से काफी उम्मीदें हैं. इस सब के पीछे फेडरेशन और सरकार की मेहनत साफ दिख रही है.ओलिंपिक में पदक जीतने वाले एक पूर्व खिलाड़ी का खेल मंत्री होना भी एक बहुत बड़ा कारण है. राज्‍यवर्धन राठौड़ का गेम्स विलेज में खिलाड़ि‍यों को अपने हाथ से खाना परोसने की तस्वीर भी वायरल हो रही है.
  • बिहार के मुजफ्फरपुर में ब्रजेश ठाकुर द्वारा 30 लड़कियों से रेप की पुष्टि और 48 लड़कियों के साथ घनौना व्यवहार का मामला सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं जिससे न केवल सुशासन बाबू के नाम पर बट्टा लगा है बल्कि पूरे प्रशासन के तंत्र पर एक ऐसा सवाल खड़ा कर गया है कि आप कहेंगे कि क्या ऐसा भी हो सकता है...
  • ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा विपक्षी एकता के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहा है. एक तरह से ममता ने दिल्ली आकर यहां नेताओं से मुलाकात की. लगता है उन्होंने यह तय कर लिया है कि विपक्षी एकता की धुरी वही बनने वाली हैं. शरद पवार, सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल से उनकी मुलाकात ने यह तय कर दिया कि विपक्षी एकता को एकजुट करने की बात अब गंभीरता से लेनी शुरू कर देनी चाहिए. ममता की विपक्षी नेताओं से कई मुद्दों पर बातचीत हुई है. उसमें एक है कि विपक्ष चाहता है कि अगला लोकसभा चुनाव वोटिंग मशीन के बजाए बैलेट पेपर से हो और इस पर एनडीए के दलों को छोड़कर सारा विपक्ष एकजुट है. हालांकि लगता नहीं है कि चुनाव आयोग विपक्ष की इस मांग को मानेगा. हां इतना जरूर है कि चुनाव आयोग यह कोशिश करेगा कि हरेक वोटिंग मशीन के साथ पर्ची निकलने की भी सुविधा हो, जिससे कि वोटर को पता चल सके कि उसने किसको वोट किया है.
  • आजकल इस बात की बड़ी चर्चा है कि कांग्रेस राफेल मुद्दे को इतनी जल्दी छोड़ने वाली नहीं है. पार्टी इस मुद्दे को 2019 के लोकसभा चुनाव तक जिंदा रखने की रणनीति बना रही है.
  • महाराष्ट्र में मराठा सड़कों पर हैं, वजह है आरक्षण... उनकी मांग है कि जो 72 हजार नौकरियों की भर्ती निकली है उसमें उनको आरक्षण दिया जाए..हाई कोर्ट ने फिलहाल नए प्रावधानों पर रोक लगा रखी है. मौजूदा प्रावधानों के अलावा किसी भी रिजर्वेशन पर रोक लगी हुई है इसलिए राज्य सरकार के पास काफी कम विकल्प बचे हैं.
  • साल 2019 के चुनाव से पहले ही प्रधानमंत्री कौन हो, इसको लेकर बहस तेज होती जा रही है. एनडीए की तरफ से तो साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही अगले प्रधानमंत्री होंगे मगर विपक्ष में इसको लेकर कई आवाजें हैं..
  • संसद भवन का सेंट्रल हॉल एक ऐसी जगह है जहां सभी सांसद, सभी दलों के नेता साथ-साथ बैठते हैं, साथ खाते हैं और गप्पें मारते हैं. साथ ही देश के राजनैतिक हालात पर खुल कर अपनी राय रखते हैं. संसद के गलियारे में हर जगह चर्चा थी कि अगला लोकसभा चुनाव कब होगा. कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
  • लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव को बहस के लिए लोकसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिया है. इसका मतलब है कि 10 दिनों के अंदर अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी और वोटिंग भी. सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि सरकार इसके लिए तैयार है. दरअसल सरकार की रणनीति ये है कि हमेशा के लिए इस हथियार को खत्म कर दिया जाए जिसकी धमकी विपक्ष दो बार से दे रहा है.
  • BJP अध्यक्ष अमित शाह बिहार में हैं और वहां सरकार बनने के बाद पहली बार नीतीश कुमार से मुलाकात की है... नाश्ते पर दोनों नेताओं की मुलाकात हुई है, और डिनर पर भी होगी... आखिर मतलब क्या है इन मुलाकातों का...
  • 2019 जैसे-जैसे नज़दीक आता जा रहा है, राजनैतिक हालात भी बदलते जा रहे हैं... कहा जा रहा है कि बिहार में नीतीश कुमार BJP से खुश नहीं हैं, और इसकी वजह है सीटों के बंटवारे को लेकर बयानबाजी... मगर अब देखते हैं कि 2014 से लेकर अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं, उनमें BJP और उसके सहयोगी दलों की क्या हालत रही है.
  • फुटबॉल के लिहाज से ये अप्रवासी यूरोप के लिए वरदान से काम नहीं हैं. जहां तक देशों की बात करें, तो फ्रांस और स्विट्रजलैंड की आधी टीम अप्रवासियों से ही बनी है. 
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